विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर भड़की भाजपा, दिल्ली सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि विधायकों को बुधवार से शुरू होने वाले विशेष सत्र की कार्य सूची नहीं उपलब्ध कराई गई है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र का विरोध करते हुए इसे प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर कुठाराघात बताया है। भाजपा का कहना है कि एक ही सत्र को विभिन्न भागों में केवल अपरिहार्य स्थितियों में चलाया जा सकता है। इसके विपरीत अरविंद केजरीवाल सरकार ने इसे सदन की कार्यवाही का अनिवार्य अंग बना दिया है। सरकार ऐसा करके विपक्ष के मूलभूत अधिकारों का हनन कर रही है। वह उसे जनहित के मामलों को उठाने का मौका ही नहीं देना चाहती है।
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि विधायकों को बुधवार से शुरू होने वाले विशेष सत्र की कार्य सूची नहीं उपलब्ध कराई गई है। इससे पहले के सत्रों में भी ऐसा ही हुआ था। सरकार कार्य सूची को गुप्त रखती है और सदन प्रारंभ होने पर इसे वितरित किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि विपक्ष को तैयारी का मौका न मिले। इस स्थिति में विपक्ष जनहित के मामले नहीं उठा सकता, क्योंकि अल्पसूचना प्रश्न पूछने के लिए कम से कम तीन दिन पूर्व लिखित सूचना सदन को देनी होती है। वहीं, तारांकित और अतारांकित प्रश्नों की सूचना कम से कम 12 दिन पूर्व दी जाती है। इसके लिए सरकार समय नहीं देती है।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के 23 साल के कार्यकाल में कभी भी किसी भी सत्र को विभिन्न भागों में बांटकर इतने लंबे समय तक नहीं चलाया गया। उन्होंने कहा कि एक सत्र को विभिन्न भागों में बांटकर इतने लंबे समय तक चलाने की परंपरा खत्म होनी चाहिए। इसकी जगह नया सत्र बुलाकर सदस्यों को प्रश्न पूछने के लिए पर्याप्त समय देने की जरूरत है।

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