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    Bhagat Singh Jayanti 2020: भगत सिंह की जयंती पर विशेष: जहां लगने थे हर बरस मेले, वहां पसरी है बदहाली

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Mon, 28 Sep 2020 10:26 AM (IST)

    Bhagat Singh Shaheed Diwas आइटीओ स्थित शहीदी पार्क है जिसमें महान क्रांतिकारी भगत सिंह सुखदेव व राजगुरु की आदमकद प्रतिमा स्थापित है। यह फिरोजशाह कोटला किला के नजदीक स्थित है। नजदीक ही फिरोजशाह कोटला क्रिकेड स्टेडियम भी है जहां क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय मैच होते हैं।

    आइटीओ स्थित शहीदी पार्क। फोटो- दैनिक जागरण।

    नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। Bhagat Singh Shaheed Diwas: जहां हर बरस मेले लगने थे। देशभक्ति के तराने गूंजने थे। जहां सजदे में लोगों का सिर झुकना चाहिए था, शहीदों की आदमकद प्रतिमा देखकर सीना गर्व से चौड़ा होना था। इंकलाब जिंदाबाद के नारे भी फिजा में बुलंद होते। पर उस स्थान की बदहाली देख लोग अब तरस खाते हैं। लोग दूर से ही शीश नवा आगे बढ़ जाते हैं। चंद जानकार लोग आते हैं। किसी प्रकार शहीदों की मूर्तियों पर माल्यापर्ण कर मूर्ति के साथ स्थान की बदहाली पर द्रवित होते आगे बढ़ जाते हैं। 

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    बात हो रही है आइटीओ स्थित शहीदी पार्क की। जिसमें महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु की आदमकद प्रतिमा स्थापित है। यह फिरोजशाह कोटला किला के नजदीक स्थित है। नजदीक ही फिरोजशाह कोटला क्रिकेड स्टेडियम भी है, जहां क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय मैच होते हैं। आजादी के आंदोलन में इस स्थान के अहम योगदान को देखते हुए वर्ष 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस पार्क का उद्धाटन किया। तब उनकी कामना थी कि यह तीर्थ स्थल बने। पर, समय के साथ यह शासन-प्रशासन की अनदेखी का शिकार होता गया।

    यह पार्क दक्षिणी नगर निगम के तहत आता है। पार्क की दीवारें टूटी पड़ी है। पार्क के खाली स्थान कूड़े से पटे हैं। पत्थर भी जगह-जगह से उखड़े हैं। यहां तक की जिस चबूतरे पर अमर क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेख व राजगुरु की आदमकद प्रतिमा काले पत्थरों की स्थापित है। जो इंकलाब जिंदाबाद के नारे वाला झंडा भी लिए हुए हैं। उसके भी पत्थर उखड़ रहे हैं। सोमवार को जब भगत सिंह के जयंती पर जब शहीदों को याद करने लोग वहां जाएंगे तो निश्चित ही उनका मन यह देखकर दुखेगा। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था।

    जानकारी के मुताबिक वर्ष 1928 में फिरोजशाह कोटला किला में ही हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचएसआरए) का गठन हुआ था, जिसने आजादी के आंदोलन की धारा ही मोड़ दी। एचएसआरए के गठन की बैठक में भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त व चंद्रशेखर आजाद समेत देश के कई राज्यों के क्रांतिकारी मौजूद थे। इस एसोसिएशन ने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों से अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे तथा देशभर के नौजवानों में आजादी के लिए मर-मिटने की लहर पैदा कर दी थी।

    पार्क के बगल में स्थित विक्रम नगर के निवासी मुन्नी लाल कहते हैं कि इस पार्क की बदहाली पर उन्हें तरस आता है, क्योंकि शासन-प्रशासन शिकायतों को अनसुना कर देता है। दीवारें व गेट टूटी होने की वजह से शाम ढलते ही यहां अराजकतत्वों की मौजूदगी हो जाती है। इसलिए कोई भी सभ्य आदमी व महिलाएं इधर नहीं आते हैं।

    दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की उद्यान समिति अध्यक्ष नितिका शर्मा ने बताया कि कोरोना के कारण समस्या आई है, कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण के रोकथाम संबंधी कार्यों में लगाया गया है। वहीं, दिल्ली सरकार ने उद्यान समिति को मिलने वाला फंड अभी तक जारी नहीं किया है। ऐसे में पार्कों के रखरखाव में समस्या आ रही है। हम इसका जल्द से जल्द समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। 

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