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    सिंघु बॉर्डर पर दिखाई देने लगा है अजब नजारा, जानकर आप भी कहेंगे 'आंदोलन खत्म हुआ समझो'

    Kisan Agitation At Singhu Border सिंघु बॉर्डर पर पसरा सन्नाटा साफ कह रहा है कि आंदोलन अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। इसका जीता जागता सबूत है सिंघु बॉर्डर पर लगातार घट रही प्रदर्शनकारियों व वाहनों की संख्या। यहां अब 50 ट्रैक्टर और 500 प्रदर्शनकारी भी नहीं बचे हैं।

    By Jp YadavEdited By: Updated: Sat, 10 Apr 2021 10:13 AM (IST)
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    नरेला रोड भी अब यूपी बॉर्डर की तरह खाली नजर आ रहा है।

    नई दिल्ली [सोनू राणा]। Kisan Agitation At Singhu Border: उधार की सुख सुविधाओं से कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों का मोहभंग हो गया है। किसी समय में आंदोलन का केंद्र बिंदु रहा सिंघु बॉर्डर अब मायूसी के आगोश में खो गया है। सिंघु बॉर्डर पर पसरा सन्नाटा चीख चीख कर कह रहा है कि आंदोलन अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। इसका जीता जागता सबूत है सिंघु बार्डर पर लगातार घट रही प्रदर्शनकारियों व वाहनों की संख्या। सिंघु बॉर्डर पर अब 50 ट्रैक्टर और 500 प्रदर्शनकारी भी नहीं बचे हैं। एक दिन पहले यानी शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा में 46 ट्रैक्टर ट्रॉली, 4 टेंपो, 5 ट्रक, 2 बस, 10 जीप व पांच कार ही खड़ी दिखाई दीं। बाकी के ट्रैक्टर अब सिंघु बॉर्डर को अलविदा कह पंजाब लौट गए हैं।

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    बताया जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के लाख रोकने के बावजूद लोग सिंघु बॉर्डर छोड़कर पंजाब भागने लगे हैं। धरना स्थल पर भी किसान प्रदर्शनकारी अब आधे से भी कम लोग दिखाई देते हैं। उनके चेहरों पर भी घर न जा पाने की चिंता साफ दिखाई देती है। वह इतने ऊब गए हैं कि अगर मंच पर संबोधन पूर्व की ओर हो रहा होता है तो धरने पर बैठे लोग पश्चिम की ओर मुंह करके बैठे रहते हैं। आलम यह है कि यहां पर बैठे किसान ही अब कहने लगे हैं कि आंदोलन तो अब खत्म हो समझे, क्योंकि जब दो लोग अड़े जाएं तो क्या होता है... कुछ भी नहीं। किसान और केंद्र सरकार एक ही तरह का व्यवहार कर रहे हैं। 

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    10-15 लोग ही रोज मंच पर पहुंच रहे

    गौरतलब है कि दिल्ली की सीमा में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) की ओर से धरना दिया जा रहा है। बीते कई दिनों से कमेटी का कोई बड़ा नेता मंच पर नहीं पहुंच रहा है। इस कारण गिने चुने 10-15 लोग ही रोज मंच पर पहुंच रहे हैं। इसके चलते यहां पर बैठे प्रदर्शनकारियों में निराशा है। वह अब यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर आंदोलन का अंजाम क्या होगा? 

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    खाली होने लगा सिंघु बॉर्डर

    सिंघु बार्डर पर प्रदर्शनकारियों की संख्या काफी तेजी से घट रही है। 132 दिन से जारी प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर सबसे कम लोग दिखाई दिए।


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    दिल्ली में नरेला रोड भी पड़ा सूना

    नरेला रोड भी अब यूपी बॉर्डर की तरह खाली नजर आ रहा है। खानापूर्ति के लिए तंबू गाड़े हुए हैं और मात्र 19 ट्रैक्टर ट्राली नरेला रोड पर खड़े हैं। यहां प्रदर्शनकारियों से ज्यादा तो ई रिक्शा चालक नजर आ रहे थे।

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    खाली पड़े हैं टेंट

    सिंघु बॉर्डर व नरेला रोड पर प्रदर्शनकारियों ने टेंट तो बना लिए हैं, लेकिन इनमें से काफी टेंट खाली पड़े हैं। इनमें कोई नहीं रह रहा है। प्रदर्शनकारियों ने ये टेंट इसलिए बनाए हैं ताकि किसी को पता न लगे कि यहां पर लोगों की संख्या घट गई है।

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