अरविंद केजरीवाल को 10 दिन में मिल जाएगा सरकारी घर, दिल्ली हाई कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल का जवाब
केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 10 दिनों में आवास मिलेगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नियमों के अनुसार केजरीवाल को उपयुक्त आवास दिया जाएगा। अदालत ने केंद्र के बयान को रिकॉर्ड पर लिया और उचित आदेश पारित करने की बात कही। आवास को लेकर चल रही कानूनी कार्यवाही अब सुलझने की ओर है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को अगले 10 दिनों के अंदर आवास उपलब्ध कराया जाएगा।
यह जानकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस सचिन दत्ता की अदालत में दी। उन्होंने कहा कि अब मामला सुलझा लिया गया है और लागू नियमों के अनुसार केजरीवाल को उपयुक्त आवास आवंटित कर दिया जाएगा।
अदालत ने केंद्र सरकार की ओर से दिए गए इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि इस संबंध में उचित आदेश पारित किया जाएगा।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल, जो वर्तमान में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं, के आवास को लेकर हाल के दिनों में कानूनी कार्यवाही चल रही थी। केंद्र का यह आश्वासन इस विवाद को सुलझाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए आवास आवंटित करने की मांग करते हुए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका दायर की थी।
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान 18 सितंबर को न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने आवास आवंटन में देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये निर्णय अधिकारियों की मनमानी पर आधारित नहीं हो सकता।
इस टिप्पणी के साथ पीठ ने केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव और संपदा निदेशालय के निदेशक को 25 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने का निर्देश दिया।
पीठ ने बंगला आवंटन मामले में विवेकाधिकार के प्रयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि अदालत इस बड़े मुद्दे से चिंतित है कि बंगलों के आवंटन में विवेकाधिकार का प्रयोग कैसे किया जाता है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा था कि क्या आवास आवंटन की कोई प्रक्रिया मौजूद है? और अगर है तो अदालत इसे देखती चाहती है कि अतीत में इस प्रक्रिया को कैसे लागू किया गया है।
ऐसे मामले में प्राथमिकता को कैसे ध्यान में रखा जाता है और आवंटन का क्रम क्या है? अदालत ने कहा कि एक पारदर्शी व्यवस्था होनी चाहिए और यह पूरी तरह से आपकी मनमानी पर आधारित नहीं हो सकता।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने पीठ को सूचित किया कि 35 लोधी स्टेट स्थित टाइप-आठ बंगला को आवंटित करने का आप ने प्रस्ताव दिया था, लेकिन 24 जुलाई को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को आवंटित किया गया है।
मामले पर सुनवाई के बाद अदालत ने निर्देश दिया था कि आवासीय आवंटन के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई मौजूदा नीति को एक हलफनामे में रिकार्ड पर लाया जाए।
इसमें यह बताया जाए कि अतीत में किए गए आवंटनों और नीति को कैसे लागू किया गया। इससे पहले 16 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई पर भी अदालत ने केंद्र की खिंचाई की थी।
ऐसे में अब सॉलिसिटर जनरल ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया है कि अरविंद केजरीवाल को 10 दिन में सरकारी आवास उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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