अब दिल्ली के नालों में नहीं जमेगी गाद, समाधान के लिए चेन्नई की तर्ज पर काम करने जा रही रेखा सरकार
दिल्ली में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नया ड्रेनेज मास्टर प्लान जारी किया गया है। पांच साल में लागू होने वाली इस योजना में नालों से गाद निकालने के लिए सिल्ट ट्रैप बनाए जाएंगे जैसे चेन्नई में बने हैं। इसका उद्देश्य नालों में गंदगी को रोकना और जलभराव को कम करना है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए पिछले दिनों नया ड्रेनज मास्टर प्लान जारी किया गया है। इसे पांच वर्ष में इसे लागू किया जाना है।
इसमें दिल्ली के ड्रेनेज प्रणाली में सुधार किया जाना है, जिससे कि वर्षा का पानी सड़कों पर जमा नहीं हो सके। जलभराव की समस्या का एक बड़ा कारण नालों में गाद जमा होना है।
इससे नालों की जल धारण क्षमता कम हो जाती है। इसके समाधान के लिए चेन्नई की तरह सिल्ट ट्रैप (नालों के किनारे गड्ढे) बनाने का निर्णय लिया गया है।
बरसाती नालों की क्षमता कम होने और इसमें गाद जमा होने से प्रत्येक वर्ष मानसून के मौसम में दिल्लीवासियों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है।
नालों से गाद निकालने के लिए प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद जलभराव की समस्या होती है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि वर्षा होने पर बड़ी मात्रा में सड़कों से गंदगी नालों में पहुंचती है।
इसकी सही तरह से सफाई नहीं होने के कारण गाद जमने की समस्या होती है। इसके समाधान के लिए नालों में गिरने वाली गंदगी को रोकना होगा।
नए ड्रेनेज मास्टर प्लान में इसका प्रविधान किया गया है। इसके लिए चेन्नई की ड्रेनेज प्रणाली को यहां लागू करने निर्णय लिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि कुछ वर्ष पहले चेन्नई में भी नालों में गाद जमने की गंभीर समस्या थी। उसके समाधान के लिए पूरे शहर में नालों के किनारे सिल्ट ट्रैप बनाए गए हैं।
इससे वहां जलभराव की समस्या दूर करने में मदद मिली है। वहां सिल्ट ट्रैप बनाने वाले एजेंसी को दिल्ली के लिए योजना तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इस प्रणाली में नालों के किनारे गड्ढा खोदकर चैंबर तैयार किए जाते हैं। वर्षा के पानी के साथ आने वाली गाद व गंदगी इस चैंबर में रुक जाएगी। इससे नाले में पानी के बहाव में कोई बाधा नहीं आएगी। चैंबर की सफाई भी आसान होगी।
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