...ताकि कोई न बन सके केजरीवाल अन्ना आंदोलन से पहले लेंगे हलफनामा
अन्ना के आंदोलन से कोई अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, किरण बेदी पैदा न हो इसके लिए वह आंदोलन में भाग ले रहे लोगों से राजनीति में न जाने का हलफनामा ले रहे हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। समाजसेवी अन्ना हजारे ने दिल्ली में 23 मार्च से किसानों के लिए सत्याग्रह करने का एलान किया है। अन्ना ने कहा कि 'आंदोलन में लोकपाल और लोकायुक्त के अलावा किसानों का मुद्दा अहम रहेगा। अन्ना ने कहा है कि इस आंदोलन से कोई राजनीति में न जाए इसके लिए वह इसमें भाग ले रहे लोगों से हलफनामा ले रहे हैं। प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने भरोसा दिया था सियासी पार्टी का गठन नहीं करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
23 मार्च से दिल्ली में सत्याग्रह
2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के चहरा रहे अन्ना हजारे आज प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि वह किसानों के लिए 23 मार्च से दिल्ला में सत्याग्रह करेंगे। अन्ना ने कहा कि आंदोलन में लोगों को जोड़ने के लिए वो अब तक 17 राज्यों का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है, देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिलता है।
ले रहे हैं हलफनामा
इस बार के अन्ना के आंदोलन से कोई अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास, किरण बेदी पैदा न हो इसके लिए वह आंदोलन में भाग ले रहे लोगों से राजनीति में न जाने का हलफनामा ले रहे हैं। अन्ना ने बताया कि अब तक 3000 हलफनामें आ गए हैं, इनमें से कोई राजनीति में गया तो वो उनके खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
अन्ना ने जताया दुख
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री सत्येंद्र जैन पर कैबिनेट से निकाले गए कपिल मिश्रा के आरोपों के बाद समाजसेवी अन्ना हजारे दुख जता चुके हैं। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान अरविंद के अगुआ रहे अन्ना हजारे ने कहा था कि केजरीवाल कभी उनके साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल थे और अब उन पर ही आरोप लग रहे हैं यह बहुत ही दुख की बात है। अन्ना ने कहा था कि मैं तो 40 साल से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं। दिल्ली में जो भ्रष्टाचार के विरोध में लड़ाई हुई उसकी वजह से वह सीएम बने। लेकिन उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगना इतने दुख की बात है कि मैं कह नहीं सकता।
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मुख्य बिंदु
आजादी के बाद 22 लाख किसानों ने आत्महत्या की है।
मोदी सरकार किसानों से ज्यादा उद्योगपतियों की सरकार है।
किसानों को फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है।
किसान पेंशन बिल सालों से लंबित है।
किसान पेंशन बिल पास किया जाए।
एक महीने से देश भृमण कर रहा हूं।
देशभर में आंदोलन की तैयारी शरू हो गई है।
17 राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ आंदोलन को लेकर चर्चा हुई।
आंदोलन में शमिल लोग हलफनामा देंगे कि वो किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे।
अरविंद केजरीवाल को लेकर साधा निशाना।
आंदोलन वाले मुख्यमंत्री बन गए।
हलफनामा का उल्लंघन करने वालों को कोर्ट में घसीटेंगे।
आंदोलन किसी पार्टी, किसी व्यक्ति के लिए नहीं संविधान के लिए है।
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