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    वक्फ बोर्ड भर्ती घोटाला की सुनवाई में कोर्ट ने कहा, भाई-भतीजावाद भी भ्रष्टाचार, अमानतुल्लाह खान समेत 10 पर आरोप तय

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 04:44 PM (IST)

    दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों से जुड़े मामले में आप विधायक अमानतुल्लाह खान और 10 अन्य पर भ्रष्टाचार के आरोप तय हुए। अदालत ने कहा कि भाई-भतीजावाद और शक्तियों का दुरुपयोग भी भ्रष्टाचार है। अदालत ने इसे कानून का उल्लंघन और सरकारी धन की हानि बताया। आरोप है कि अमानतुल्लाह ने नियमों का उल्लंघन कर अवैध नियुक्तियां कीं जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।

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    वक्फ बोर्ड भर्ती घोटाला: भाई-भतीजावाद भी भ्रष्टाचार है - कोर्ट

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अपने करीबी लोगों को लाभ पहुंचाना, भाई-भतीजावाद अपनाना और शक्तियों का दुरुपयोग करना यह सब भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। अदालत ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों में अनियमितताओं से जुड़े मामले में आम आदमी पार्टी (आप/AAP) विधायक अमानतुल्लाह खान और 10 अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप तय करते हुए यह तल्ख टिप्पणी की।

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    अनुचित वित्तीय लाभ माना जाएगा

    राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई न्यायाधीश दिग्विनय सिंह ने कहा कि यह महज प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि कानून का खुला उल्लंघन और सरकारी धन की हानि है। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि यदि किसी पद पर नियुक्ति किसी लोक सेवक द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करके कराई जाती है, तो उस पद पर वेतन सहित मिलने वाला पूरा लाभ अनुचित वित्तीय लाभ माना जाएगा।

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    नियुक्त व्यक्ति अधिकतर रिश्तेदार

    अदालत ने साफ कहा कि यह नियुक्तियां केवल सेवा नियमों का मामूली उल्लंघन नहीं, बल्कि सत्ता का स्पष्ट दुरुपयोग है। अदालत ने कहा कि यह एक संगठित साजिश है जिसके तहत अपने लोगों को सरकारी पदों पर बैठाकर अनुचित लाभ पहुंचाया गया। नियुक्त व्यक्ति अधिकतर आरोपित अमानतुल्लाह के नजदीकी, रिश्तेदार या राजनीतिक सहयोगी थे।

    करीब दर्जन भर नियुक्तियां कीं

    सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहते हुए वर्ष 2018 से 2021 के बीच नियमों और प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए करीब दर्जन भर नियुक्तियां कीं। जांच एजेंसी के मुताबिक इसे लेकर न तो कोई सार्वजनिक विज्ञापन जारी किया गया और न ही कोई चयन समिति बनी।

    इन अवैध नियुक्तियों के जरिए सरकारी खजाने को 27,20,494 रुपये का नुकसान हुआ, जो इन गैर-कानूनी नियुक्त कर्मियों को वेतन और भत्ते के रूप में दिया गया।

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    सीबीआई ने कुल 11 लोगों को आरोपित बनाया

    सीबीआई ने इस मामले में कुल 11 लोगों को आरोपित बनाया है, जिनमें वक्फ बोर्ड से जुड़े कर्मचारी और फायदा पाने वाले व्यक्ति शामिल हैं। एजेंसी का कहना है कि यह भर्ती प्रक्रिया एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई थी, जिससे सरकारी पदों का दुरुपयोग हुआ।

    यह मामला सबसे पहले 2016 में सामने आया था और तभी से इसकी जांच जारी है। सीबीआई अपनी जांच में पाया कि अमानतुल्लाह ने अपने पद का फायदा उठाकर नियमों को दरकिनार किया और अपने पसंदीदा लोगों को लाभ पहुंचाया। फिलहाल, सभी आरोपितों पर आरोप तय होने के बाद अब इस मामले की नियमित सुनवाई शुरू होगी।

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