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    ऐश्वर्या राय ने खटखटाया दिल्ली HC का दरवाजा, प्रोडक्ट्स पर AI जेनरेटेड फेक तस्वीरों पर बिफरीं बॉलीवुड स्टार

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 11:37 AM (IST)

    अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने बिना अनुमति के व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उनकी तस्वीरों के इस्तेमाल के खिलाफ सुरक्षा मांगी है। उन्होंने अपनी याचिका में व्यक्तित्व अधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया है। ऐश्वर्या ने आरोप लगाया है कि कुछ कंपनियां मग और अन्य सामान बेचने के लिए उनकी अंतरंग और छेड़छाड़ की गई तस्वीरों का उपयोग कर रही हैं।

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    ऐश्वर्या राय ने खटखटाया दिल्ली HC का दरवाजा, प्रोडक्ट्स पर AI जेनरेटेड फेक तस्वीरों पर बिफरीं बॉलीवुड स्टार

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बिना अनुमति के व्यावसायिक लाभ के लिए तस्वीरों आदि के उपयोग के खिलाफ बालीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। याचिका दायर कर ऐश्वर्या बच्चन ने अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि पूरी तरह से अवास्तविक उनकी कुछ अंतरंग तस्वीरों का इस्तेमाल काफी मग और अन्य सामान बेचने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन स्क्रीनशॉट्स में तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की गई है, वे ऐश्वर्या राय की कभी नहीं थीं। ये सभी एआई जनरेटेड हैं। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी, 2026 को निर्धारित की गई है।

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    निषेधाज्ञा जारी करने का इरादा जताया

    बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपने नाम, तस्वीरों और सार्वजनिक व्यक्तित्व के विभिन्न डिजिटल मंचों और वाणिज्यिक उत्पादों पर अनधिकृत उपयोग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। न्यायाधीश तेजस करिया की अध्यक्षता वाली अदालत ने मामले की सुनवाई की और ऐसी अनधिकृत गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निषेधाज्ञा जारी करने का इरादा जताया है। 

    व्यक्तित्व अधिकारों पर सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर अदालत ने प्रतिवादियों को रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने का संकेत दिया। न्यायमूर्ति तेजस कारिया की पीठ ने मौखिक रूप से संकेत दिया कि वह प्रतिवादी संस्थाओं पर रोक लगाने के लिए एक अंतरिम आदेश पारित करेगा। 

    मग, टी-शर्ट और ड्रिंकवेयर पर छापीं तस्वीरें

    ऐश्वर्या की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने तर्क दिया कि उनके व्यक्तित्व का व्यावसायिक लाभ और अनुचित सामग्री के लिए बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने बताया कि कई वेबसाइटें गलत तरीके से खुद को ऐश्वर्या के आधिकारिक मंच के रूप में पेश कर रही हैं, जिससे जनता को गुमराह किया जा रहा है और उनके प्रचार अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। सेठी ने मग, टी-शर्ट और ड्रिंकवेयर जैसे उत्पादों के उदाहरण पेश किए, जिन पर बिना किसी कानूनी अनुमति के ऐश्वर्या का नाम और तस्वीरें छपी थीं।

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    कंपनी से कोई संबंध नहीं 

    सेठी ने बताया कि ऐश्वर्या नेशन वेल्थ नामक कंपनी ने अपने आधिकारिक दस्तावेजों में ऐश्वर्या को गलत तरीके से अध्यक्ष के रूप में सूचीबद्ध किया था, जबकि उनका इस कंपनी से कोई संबंध नहीं था। सेठी ने इसे धोखाधड़ी करार दिया और स्पष्ट किया कि उनकी मुवक्किल को ऐसी संस्थाओं के बारे में कोई जानकारी या भागीदारी नहीं थी।

    दुरुपयोग डिजिटल हेरफेर तक भी फैला, जहां सेठी ने बताया कि ऐश्वर्या की अश्लील, छेड़छाड़ की गई और एआई-जनरेटेड तस्वीरें ऑनलाइन व्यापक रूप से प्रसारित की गई हैं। उन्होंने इसे उनकी गरिमा का घोर उल्लंघन बताते हुए कहा कि उनकी छवि का उपयोग यौन रूप से स्पष्ट उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है, जो बेहद परेशान करने वाला और अस्वीकार्य है।

    अनिल कपूर के मामले का दिया उदाहरण

    सेठी ने अभिनेता अनिल कपूर के मामले में हाई कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि कई फैसलों में इस अधिकार को मान्यता दी गई है। उन्होंने अभिनेता अनिल कपूर के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के 2023 के फैसले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिवादी संस्थाओं को उनकी मुवक्किल की तस्वीरों, समानता या व्यक्तित्व का उपयोग करने का कोई अधिकार नहीं हो सकता। 

    सेठी ने कहा कि एक प्रतिवादी केवल मेरा ऐश्वर्या का नाम और चेहरा लगाकर पैसे इकट्ठा कर रहे हैं। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में आदेश अपलोड किया जाएगा। साथ ही मौखिक रूप से संकेत दिया कि वह प्रतिवादियों पर निषेधाज्ञा लगाने वाला एक अंतरिम आदेश अदालत पारित करेगी।

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    'अलग-अलग निषेधाज्ञा जारी करना आवश्यक'

    गूगल की ओर से पेश अधिवक्ता ममता रानी ने सामग्री हटाने की प्रक्रिया पर बात की और कहा कि हटाने के लिए विशिष्ट यूआरएल जमा करने होंगे। न्यायमूर्ति करिया ने टिप्पणी की कि हालांकि एक समेकित आदेश आदर्श होगा, लेकिन उल्लंघनों के दायरे के आधार पर अलग-अलग निषेधाज्ञा जारी करना आवश्यक हो सकता है।

    अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता सामग्री हटाने के लिए विशिष्ट यूआरएल प्रदान कर सकता है या ब्लॉकिंग और स्क्रीनिंग निर्देश (बीएसआई) प्रक्रिया का सहारा ले सकता है। अदालत ने यह भी बताया कि चूंकि मांगी गई राहतें व्यापक हैं। अत: प्रत्येक प्रतिवादी के खिलाफ अलग-अलग आदेश पारित किए जाएंगे। यदि एक सामान्य आदेश संभव हुआ, तो वह जारी किया जाएगा; अन्यथा, निषेधाज्ञा अलग-अलग दी जाएगी।

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