हाई अलर्ट पर IGI समेत देश के सभी Airport, आतंकी हमले की चेतावनी पर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों ने हवाई अड्डों पर आतंकी हमले की आशंका जताई है खासकर आईजीआई हवाई अड्डे पर। 22 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच हमले का खतरा है। सुरक्षा बढ़ाने के लिए पहचान पत्रों की जांच सीसीटीवी निगरानी और एजेंसियों के बीच समन्वय पर जोर दिया जा रहा है। दिल्ली में ड्रोन जैसे उपकरणों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 79वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारियाें के बीच केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने देशभर के एयरपोर्ट, खासकर IGI Airport पर आतंकी हमले की आशंका जताई है।
सूत्रों के अनुसार, 22 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच असामाजिक तत्वों या आतंकी संगठनों द्वारा देश भर के एयरपोर्ट को निशाना बनाए जाने की आशंका है।
इसे देखते हुए IGI एयरपोर्ट को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है, हालांकि इस हमले का समय अभी स्पष्ट नहीं है। इस बीच ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सेफ्टी ने सभी एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आईजीआई एयरपोर्ट का चेतावनी में विशेष उल्लेख
आईजीआई एयरपोर्ट जो देश का सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण एरपोर्ट है, इस बार सुरक्षा के लिहाज से विशेष निगरानी में है। यह एयरपोर्ट न केवल राष्ट्रीय राजधानी का प्रवेश द्वार है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का भी प्रमुख केंद्र है।
खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि आईजीआई एयरपोर्ट को आतंकी संगठनों द्वारा निशाना बनाया जा सकता है। हाल ही में मुंबई, जयपुर और अन्य एयरपोर्ट को मिली बम धमकी की ईमेल ने भी सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
सुरक्षा के लिए व्यापक उपाय किए गए
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सेफ्टी ने जो दिशा निर्देश जारी किए हैं, इनमें पहचान पत्रों की सख्त जांच को सबसे पहले बताया गया है। एयरपोर्ट पर प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति, कर्मचारी और ठेकेदार की पहचान की गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं।
एयरपोर्ट पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से चौबीस घंटे निगरानी सुनिश्चित करने को कहा गया है। स्थानीय पुलिस, सीआईएसएफ, खुफिया ब्यूरो और अन्य एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय हो, इसपर जोर दिया गया है।
स्वतंत्रता दिवस के आसपास दिल्ली में ड्रोन, पैराग्लाइडर, हाॅट एयर बैलून जैसे उड़ने वाले उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध भी दिशा निर्देशों में शामिल हैं। दिशा निर्देश में यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी सुरक्षा उपकरण और प्रणालियां पूरी तरह कार्यशील हों।
इसके अलावा, यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए वैकल्पिक मार्गों की योजना बनाने और स्थानीय एटीसी इकाइयों के साथ समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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