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    नाचते-गाते या जिम में... 'अचानक मौत' पर सामने आई AIIMS की रिपोर्ट, इस बड़ी वजह से हो रही सडेन डेथ

    By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman
    Updated: Fri, 23 Feb 2024 03:10 PM (IST)

    इन दिनों नाचते-गाते या जिम में एक्सरसाइज करते हुए अचानक हो रही मौत सुर्खियों में है। इन मौतों पर किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा। इसी दौरान एम्स की अटोप्सी रिपोर्ट सामने आई है। इसमें अचानक हो रही मौत पर अध्ययन किया गया है। इसमें कहा गया है कि सांस उखड़ने से 20 प्रतिशत अचानक मौतें हो रही है।

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    अचानक हो रही मौत पर AIIMS की अटोप्सी रिपोर्ट में सामने आई प्रदूषण बड़ी वजह।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना के बाद से समारोह में नाचने-गाते या जिम में व्यायाम के दौरान अचानक हुई मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इन मामलों में मौत की वजह अक्सर कार्डियक अरेस्ट यानी हृदय गति बंद होना माना जाता है। काफी मामलों में यह सही भी है, लेकिन दिल्ली एम्स के फारेंसिक विभाग की ओर से किए गए एक अध्ययन की प्राथमिक रिपोर्ट में सामने आया है कि करीब 22 प्रतिशत मामलों में मौत की वजह श्वसन तंत्र में अवरोध उत्पन्न हो जाना था। 

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    एम्स के फॉरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना के बाद अचानक हो रही मौत के मामले बढ़ने पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इस पर शोध की जिम्मेदारी दी। पिछले वर्ष यह अध्ययन शुरू किया गया था। 18 से 65 वर्ष की उम्र के 132 मृतकों पर अध्ययन किया गया है, जिनकी मौत अचानक हुई थी। इसमें 18 से 45 वर्ष की उम्र के 71 और 46 से 65 वर्ष की उम्र के 37 मृतक थे। इन शवों में 87 प्रतिशत पुरुष और 13 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं। 

    49.24% मरीजों की मौत अचानक हार्ट अटैक से

    अध्ययन में शामिल शवों की मॉलिक्यूलर अटोप्सी और वर्चुचल अटोप्सी (डिजिटल एक्स-रे और सीटी स्कैन कर पोस्टमार्टम) के साथ ही परंपरागत पोस्टमार्टम भी किया गया। इनकी मौत के कारणों का पता लगाने कोशिश की गई। जिसमें 49.24 प्रतिशत मरीजों की मौत अचानक हार्ट अटैक से हुई। इसके साथ ही कुछ की मौत हेमरेज से भी हुई।

    हृदय रक्तवाहिनियों की बीमारियों से सर्वाधिक मौतें

    इन दोनों का आंकड़ा मिलाकर हृदय रक्तवाहिनियों की बीमारियों से 52.27 प्रतिशत की मौत हुई। इसके बाद अचानक होने वाली मौत का दूसरा बड़ा कारण श्वासन तंत्र में अवरोध पाया गया। इस तरह 9.09 प्रतिशत मामलों में पेट में मौजूद भोजन के अंश उल्टी के दौरान श्वसन नली में जाने से सांस आना हो गई थी। वहीं 10.60 प्रतिशत मामलों में निमोनिया के कारण फेफड़े ने काम करना बंद कर दिया। करीब 2.27 प्रतिशत मामलों में श्वसन संबंधी कुछ अन्य बीमारियां पाई गईं। 

    अध्ययन में देखा जा रहा है कि अचानक हुई मौतों का कारण कोरोना के बाद की समस्याएं या उसे टीके का दुष्प्रभाव, तो नहीं है। इस अध्ययन की प्राथमिक रिपोर्ट में कोरोना के बाद की समस्याओं या टीके के कारण मौत की पुष्टि नहीं हुई, इसलिए टीके से जोखिम नहीं है। - डॉ. सुधीर गुप्ता, विभागाध्यक्ष, फॉरेंसिक, एम्स

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