स्वीडन भेजने के नाम पर ठगे 31 लाख रुपये, नकली शेंगेन वीजा थमाने वाला एजेंट पंजाब से गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने एजेंट रविंदर सिंह उर्फ लल्ली को गिरफ्तार किया है उस पर नकली शेंगेन वीजा से दो युवकों को स्वीडन भेजने का आरोप है। उनसे 31 लाख रुपये लिए थे। जांच में पता चला कि लल्ली ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी वीजा और टिकटों का इंतजाम किया था। पुलिस ने कमलकांत और अभिनेश सक्सेना को भी गिरफ्तार किया है जबकि अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आईजीआई थाना पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले एजेंट रविंदर सिंह उर्फ लल्ली को गिरफ्तार किया है।
रविंदर पर आरोप है कि इसने दो युवकों को नकली शेंगेन वीजा के जरिये स्वीडन भेजने की कोशिश की थी। दोनों युवकों से इसने 31 लाख रुपये में विदेश भेजने का सौदा किया था।
आईजीआई जिला पुलिस अतिरिक्त आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 20 मई की रात को पंजाब के होशियारपुर के दुगरी गांव के रहने वाले दो चचेरे भाई, तरनवीर सिंह और गगनदीप सिंह आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचे।
दोहा के रास्ते राेम जाने की थी तैयारी
दोनों के पास भारतीय पासपोर्ट थे और वे दोहा (कतर) के रास्ते रोम जाने की तैयारी में थे, लेकिन जब उनके दस्तावेजों की जांच की गई, तो उनके पासपोर्ट में लगा शेंगेन वीजा नकली पाया गया।
इसके बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।दोनों युवकों ने बताया कि उनके स्वजन स्वीडन में अच्छी कमाई कर रहे हैं, जिसके चलते वे भी वहां जा रहे थे।
उन्होंने अपने एक स्वजन के जरिये एजेंट रविंदर सिंह उर्फ लल्ली से संपर्क किया। लल्ली ने 31 लाख रुपये के बदले उन्हें रोम के रास्ते स्वीडन पहुंचाने का वादा किया। उसने उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज लिए और शेंगेन वीजा और फ्लाइट टिकट की व्यवस्था की।
एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन जांच में पकड़े गए
लल्ली के कहने पर दोनों युवक दिल्ली पहुंचे और महिपालपुर के एक होटल में ठहरे। वहां लल्ली के साथी अभिनेश सक्सेना ने उन्हें उनके पासपोर्ट सौंपे, जिनमें वीजा लगा था, लेकिन एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन क्लियरेंस के दौरान उन्हें पकड़ लिया गया।
जांच में एक और नाम कमलकांत सुरेशबाबू झा का सामने आया। कमलकांत ने अहमदाबाद के वीएफएस आफिस में दोनों युवकों की बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन और दस्तावेजों की प्रक्रिया को कराया था।
जब वीएफएस में उनके वीजा आवेदन खारिज हो गए, तो कमलकांत ने अपने साथियों के साथ मिलकर नकली स्वीडन वीजा की व्यवस्था की। कमलकांत और अभिनेश सक्सेना को भी पुलिस ने दिल्ली में उनके ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया।
छापेमारी कर एजेंट को पंजाब से पकड़ा
लल्ली को पकड़ना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। पंजाब में उसके संभावित ठिकानों पर कई छापेमारी की गई, लेकिन वह हर बार बच निकलता था।
आखिरकार आईजीआई थाना प्रभारी विरेंद्र त्यागी के नेतृत्व में गठित टीम ने स्थानीय जानकारी और तकनीकी निगरानी के जरिये लल्ली को पंजाब में उसके ठिकाने से धर दबोचा गया।
पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। लल्ली के बैंक खातों की जांच की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या वह अन्य समान मामलों में भी शामिल है। इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जांच तेजी से चल रही है।
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