अगर सतर्क होते तो ऐसे हालात नहीं बनते... तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस को लगाई फटकार
तीस हजारी कोर्ट ने अवैध अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम पर नगर निगम और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को फटकार लगाई। न्यायाधीश ने कहा कि प्रशासन की कार्यशैली लापरवाह है और नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई अपर्याप्त है। कोर्ट ने निगम की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और 25 अगस्त 2025 तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। तीस हजारी कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम को लेकर तीस हजारी जिला अदालत के सिविल न्यायाधीश ने नगर निगम और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को कड़ी फटकार लगाई।
अदालत ने प्रशासन की कार्यशैली को अपर्याप्त और लापरवाह करार देते हुए कहा कि यदि अधिकारी सतर्क और सक्रिय होते, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।
सिविल न्यायाधीश रिंकू जैन ने कहा कि आप कार्रवाई कर रहे हैं, पर वह पर्याप्त नहीं है। जब नियमों का उल्लंघन हो रहा है तो आप क्या कर रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी नहीं बताया गया कि आपने कितने चालान काटे, कितने लोगों पर कार्रवाई की। न्यायाधीश ने कोर्ट परिसर के रास्तों की अपनी व्यक्तिगत यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि हर दिन दो बार तीस हजारी से गुजरता हूं।
अब मोबाइल वेंडर कम और स्थायी वेंडर ज्यादा हैं। लोग बीच सड़क पर गाड़ी रोककर सामान खरीदते हैं, जिससे जाम लगता है। अदालत ने निगम की रिपोर्ट को पूर्व आदेश के अनुरूप नहीं बताते हुए खारिज कर दिया।
रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि लाइसेंस प्राप्त वेंडर ने कितनी जगह कब्जा कर रखी है और क्या यह अनुमति से अधिक है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि संबंधित विभाग दो जून 2025 के आदेश के अनुसार नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें।
कोर्ट ने अधिकारियों से साफ कहा कि आप कोर्ट के निर्देश का इंतजार करके आंखें मूंदकर नहीं बैठ सकते। आप पर कार्रवाई की जिम्मेदारी पहले से है।
अदालत ने सभी एजेंसियों को 25 अगस्त 2025 तक विस्तृत और स्पष्ट स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है। इसके बाद मामले में आगे की सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता के वकील देवेंद्र धीरयान ने याचिका दायर कर एक किलोमीटर के दायरे में अवैध अतिक्रमण, ट्रैफिक अव्यवस्था और अनियंत्रित गतिविधियों को हटाने की मांग की थी।
अब तक की कार्रवाई
कश्मीरी गेट पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक केएल कुलदीप द्वारा पहले प्रस्तुत एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2024 में आसपास के क्षेत्रों में 20 भारी वाहनों को जब्त किया गया और उन पर 30 चालान किए गए।
इसमें यह भी कहा गया था कि अनुचित पार्किंग के लिए 1963 चालान और परमिट उल्लंघन के लिए 1700 चालान किए गए थे।
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2024 में पुलिस थाने द्वारा 830 वाहन जब्त किए गए थे। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय न्याय संहिता (आइपीसी) की धारा 285 (सार्वजनिक मार्ग या आवागमन में बाधा या खतरा) के तहत पिछले वर्ष पुलिस थानों में 852 प्राथमिकी दर्ज की गईं।
निगम और कश्मीरी गेट थाने के प्रभारी के साथ, दिल्ली के सिविल लाइंस सर्कल के यातायात निरीक्षक ने भी मार्च में अदालत में एक और स्थिति रिपोर्ट पेश की थी।
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि तीस हजारी कोर्ट परिसर के आसपास वाहनों की भीड़ को कम करने के लिए दो शिफ्टों में 31 यातायात कर्मियों को तैनात किया गया था।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस वर्ष एक जनवरी से 24 मार्च तक 5,946 चालान किए गए। रिपोर्ट में बताया गया है कि अनुचित पार्किंग के लिए 995 चालान किए गए। इसके अलावा, नो एंट्री उल्लंघन के लिए 1,005 चालान किए गए और 154 वाहन जब्त किए गए।
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