मां की नींद टूटी तो बेटा मिला गायब! दिल्ली में 27 दिन के मासूम का फिल्मी अंदाज में अपहरण और फिर बरामदगी
पश्चिमी दिल्ली में एक नि:संतान दंपती ने घरेलू सहायिका के साथ मिलकर 27 दिन के बच्चे का अपहरण कराया। पुलिस ने 200 सीसीटीवी कैमरों की जांच कर नाबालिगों तक पहुंची और दंपती सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने नाबालिगों को 20 हजार रुपये का लालच दिया था। पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर उसकी मां को सौंप दिया है।

महज 27 दिन के बच्चे को स्कूटी सवार नाबालिग उठाकर भाग गए थे।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। तिलक नगर इलाके में एक नि:संतान दंपती ने घरेलू सहायिका के साथ मिलकर 27 दिन के बच्चे को अगवा कर लिया। आरोपी दंपती ने दो नाबालिगों को 20 हजार रुपये देने का वादा कर वारदात को अंजाम दिलवाया।
पुलिस ने मामले की जांच के दौरान 200 सीसीटीवी कैमरे की जांच की और दोनों नाबालिग तक पहुंची और अपहरण के मामले में शामिल दंपती, घरेलू सहायिका समेत पांच आरोपियों को पकड़ लिया। पुलिस ने दंपती के पास से बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है।
पुलिस को आठ अक्तूबर को तिलक नगर पैसिफिक माॅल के पास एक महिला ने अपने 27 दिन के बच्चे के अगवा होने की शिकायत की। शिकायत में महिला ने बताया कि वह लुधियाना, पंजाब की रहने वाली है।
वह सितंबर माह में वहां से दिल्ली में रहने वाले अपने स्वजन के पास आई थी। यहां 11 सितंबर को उसे एक लड़का हुआ। आठ अक्तूबर को वह बच्चे के साथ फुटपाथ पर सो रही थी। सुबह नींद खुली तो उसने बेटे को गायब पाया। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया।
जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की। जिसमें पता चला कि बच्चे को एक स्कूटी पर सवार दो लोगों ने अगवा किया है। उसके बाद पुलिस ने बदमाशों के भागने की दिशा में लगे करीब 200 सीसीटीवी कैमरे की जांच की।
बदमाशों की स्कूटी नंबर की जांच में पता चला कि वह नारायणा इलाके से चुराई गई थी। वहां के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पता चला कि स्कूटी को विकास ने चुराई थी, जो एक अन्य मामले में जेल में बंद है।
पता चला कि उसने स्कूटी को दोस्त अनिल को दे दी थी। अनिल ने स्कूटी को एक नाबालिग को दिया था। पुलिस ने नाबालिग तक पहुंची और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें अपहरण की पूरी बात सामने आई।
नाबालिग ने पुलिस को बताया कि घरेलू सहायिका का काम करने वाली उत्तम नगर निवासी माया ने उसे बच्चे काे अगवा करने पर 20 हजार रुपये देने का वादा किया था। पुलिस ने उसके निशानदेही पर उसके नाबालिग साथी और माया को पकड़ा।
माया ने बताया कि कीर्ति नगर काम करने के दौरान नि:संतान दंपती के संपर्क में आई। शादी का काफी अरसा होने के बाद भी उनके बच्चे नहीं थे। माया ने उनसे दोस्ती करने के बाद उन्हें एक बच्चे को अगवा करने की साजिश में शामिल कर लिया।
माया ने पैसिफिक माल के पास एक महिला को नवजात बच्चे के साथ देखा था। उसने नाबालिगों से संपर्क कर बच्चे को अगवा करने के लिए राजी कर लिया।
पुलिस ने शुभकरण के घर पर दबिश देकर उसे पत्नी के साथ गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस ने बच्चे को उनकी मां को सौंप दिया।
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