Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'एयरलाइंस व्यवस्था में नाकाम रही तो सरकार ने क्या किया', इंडिगो संकट पर HC का केंद्र से सवाल

    By VINEET TRIPATHIEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Wed, 10 Dec 2025 12:55 PM (IST)

    इंडिगो संकट से प्रभावित यात्रियों के मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि ऐसी स्थिति क्यों बनी और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। कोर्ट ने ...और पढ़ें

    Hero Image

    आईजीआई एयरपोर्ट पर फ्लाइट कैंसिल होने से यात्री हुए परेशान। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इंडिगो फ्लाइट संकट से प्रभावित यात्रियों को ग्राउंड सपोर्ट और रिफंड दिलाने की मांग से जुड़ी जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों बनी और इसके लिए जिम्मेदार कौन है। कोर्ट ने कहा कि ये यात्रियों की समस्या के साथ अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि लोगों को मुआवजा देने के लिए कोई कदम उठाया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    5 हजार की टिकट 35000 की कैसे हो गई- HC

    केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि सरकार ने किराया पर कैपिंग की है और इसे सख्ती से लागू किया गया है। कोर्ट ने कहा ये पांच दिन बाद किया गया और जो टिकट 5 हजार में उपलब्ध थी वो 30 से 35 हजार की हो गई। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई आपात स्थिति थी तो दूसरी एयरलाइंस को इसका फायदा उठाने की अनुमति क्यों दी गई।

    एएसजी चेतन शर्मा ने इस संबंध में उठाये गए कदम के संबंध में कोर्ट को दस्तावेज पेश किए। यह भी कहा कि एकल पीठ ने इस संबंध में एयरलाइन को एक नवंबर तक का समय दिया था, लेकिन उसकी तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। यह भी कहा कि इसका मंत्रालय से कोई लेना देना नहीं है। कोर्ट में पूछा ऐसी स्थिति न आये इसके लिए केंद्र सरकार ने क्या किया?

    एयरलाइन नाकाम रही तो सरकार ने क्या कदम उठाए : कोर्ट

    एएसजी ने कहा कि इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और एयरलाइंस ने मांफी मांगी थी। यह भी कहा कि एफटीटीएल योजना 2024 से लंबित है और बार बार इसकी समय सीमा बढ़ाई गई। कोर्ट ने पूछा अगर वो ऐसा करने में नाकाम रहे तो सरकार ने क्या किया?

    मामले में ऑर्डर डिक्टेट करते हुए कोर्ट ने कहा कि उक्त व्यवधानों के कारण, जो आज भी जारी है, यात्रियों को विमान में चढ़ने से वंचित कर दिया गया है और वे देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं।

    Delhi airport news (3)

    कोर्ट ने कहा कि यह बताया गया है कि एयरलाइन का स्टाफ इन यात्रियों और उनकी चिंताओं पर उचित तरीके से ध्यान नहीं दे रहा है, जो न केवल विभिन्न वैधानिक आवश्यकताओं के संदर्भ में उनसे अपेक्षित है, बल्कि किसी भी सभ्य समाज में अपेक्षित है।

    कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि अदालत प्रारंभ में ही याचिका दाखिल करने के तरीके से असंतुष्टि व्यक्त करती है। याचिका में की गई मांग के संबंध में पर्याप्त शोध और साक्ष्य का अभाव है। हालांकि, जनहित को ध्यान में रखते हुए, हमने संबंधित मुद्दे का संज्ञान लिया है। हमें याचिकाकर्ताओं से बेहतर तैयारी की अपेक्षा थी।

    कोर्ट ने कहा कि एएसजी ने सूचित किया कि एयरलाइनों द्वारा समय-समय पर जारी किए गए विभिन्न वैधानिक प्रविधानों और दिशा-निर्देशों का पालन न करने के कारण यह संकट उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि उड़ान ड्यूटी समय सीमा 2024 (एफडीटीएल) को प्रत्येक एयरलाइन द्वारा लागू किया जाना है।

    Delhi airport news (1)

    दिल्ली एयरपोर्ट पर जमा यात्रियों के लगेज। फोटो- जागरण

    कोर्ट ने यह भी रिकॉर्ड पर लिया कि अप्रैल 2025 में पारित इस न्यायालय के कुछ आदेश के बाद, एफडीटीएल को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाना था। जहां तक रात्रि लैंडिंग से संबंधित प्रविधान का संबंध है, इसे एक नवंबर से लागू किया जाना था और अधिकारी संवाद कर रहे हैं, समन्वय कर रहे हैं और निगरानी कर रहे हैं कि आर3 (इंडिगो) यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि पायलट द्वारा रात्रि लैंडिंग की सीमा लागू की जाए।

    हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि एयरलाइंस एफडीटीएल का पालन और अवलोकन सुनिश्चित करने के लिए अपेक्षित संख्या में पायलटों की भर्ती नहीं कर सका। सॉफ्टवेयर सपोर्ट में भारी कमी रही है, जिसके कारण व्यवधान हो सकता है।

    कोर्ट ने यह भी रिकॉर्ड किया कि अन्य एयरलाइनों द्वारा वसूले जा रहे किराए में अनुचित वृद्धि को रोकने के लिए, मंत्रालय ने किराया सीमा निर्धारित करने वाला एक आदेश जारी किया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए ने इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से लिया है और डीजीसीए ने इंडिगो के संचालन में व्यवधान उत्पन्न करने वाली परिस्थितियों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है।

    लाखों यात्रियों के एयरपोर्ट पर फंसे रहने की स्थिति कैसे बनी?

    कोर्ट ने कहा कि न्यायालय समिति के गठन का आदेश दर्शाता है कि डीजीसीए को परिचालन तैयारियों और अनुपालन योजना में प्रथम दृष्टया कमियों के संकेत मिले हैं, जिनकी जांच आवश्यक है। उक्त समिति का नेतृत्व डीजीसीए के महानिदेशक करते हैं। समिति के कार्यक्षेत्र में व्यापक परिचालन व्यवधानों के कारणों की पहचान करना, जनशक्ति नियोजन, अस्थिर रोस्टर प्रणाली आदि का आकलन करना शामिल है।

    कोर्ट ने कहा डीजीसीए द्वारा छह दिसंबर को इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उससे पूछा गया है कि उल्लंघनों के लिए उसके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। हम मंत्रालय और डीजीसीए द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हैं। हालांकि, हमें इस बात से चिंता है कि लाखों यात्रियों को हवाई अड्डों पर बिना सहायता के फंसे रहने की ऐसी स्थिति कैसे उत्पन्न होने दी गई। ऐसी स्थिति केवल यात्रियों को होने वाली असुविधा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है, क्योंकि आजकल अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए यात्रियों की सुचारू आवाजाही एक महत्वपूर्ण पहलू है।

    Delhi airport news (2)

    यात्रियों को मुआवजा देने के मामले पर कोर्ट ने कहा उड़ानें रद होने के कारण हवाई अड्डों पर बिना देखभाल के यात्री फंसे रहे। डीजीसीए के कुछ प्रविधानों के तहत बोर्डिंग से वंचित होने, उड़ानों के रद होने और देरी के कारण यात्रियों को सुविधाएं देने का है।

    कोर्ट ने कहा कि परिपत्र के तहत उड़ानों के रद होने के कारण उत्पन्न हुई स्थिति के लिए मुआवजे का भुगतान भी शामिल है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि इंडिगो मुआवजे के भुगतान संबंधी इन प्रविधानों का कड़ाई से पालन करे, जिसकी पुष्टि मंत्रालय और डीजीसीए द्वारा भी की जाएगी। यदि कोई अन्य उपाय उपलब्ध हैं, तो प्रतिवादियों द्वारा उनकी पुष्टि सुनिश्चित की जाएगी।

    कोर्ट ने कहा कि संसद वर्तमान चुनौतियों के प्रति सचेत है और विमानों से संबंधित विभिन्न पहलुओं को विनियमित और नियंत्रित करने के लिए भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024 अधिनियमित किया है। धारा-4 डीजीसीए को अधिनियम में निर्दिष्ट मामलों के संबंध में निर्देश जारी करने का अधिकार देती है।

    यह भी पढ़ें- 905 उड़ानें रद, 1475 में देरी, लाखों यात्री परेशान... इंडिगो संकट के दौरान और क्या-क्या हुआ?

    यह भी पढ़ें- इंडिगो पर एक और संकट, 5000 फ्लाइट्स कैंसल होने के बाद शुरू हो सकती है एंटीट्रस्ट जांच; क्या होगा नतीजा?

    यह भी पढ़ें- 'हर दिन 200 से ज्यादा उड़ानें कम करे IndiGo', कई दिनों की अफरा-तफरी के बाद केंद्र का बड़ा एक्शन

    कोर्ट ने कहा कि धारा 19, सीजी को लाइसेंस या अनुमोदन प्रमाणपत्र को प्रतिबंधित, निलंबित या रद करने का अधिकार देती है। अध्याय 7 में अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों के उल्लंघन के लिए दंडात्मक प्रविधान हैं। इसमें निर्देशों का पालन न करने पर दंड का भी प्रविधान है और ऐसा न करने पर दो वर्ष तक के कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है।

    कोर्ट ने कहा कि अधिनियम की योजना सरकार और डीजीसीए को यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त रूप से सशक्त बनाती है कि सुचारू यात्री सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइनों द्वारा जारी किए गए सभी आदेशों या निर्देशों का पालन किया जाए।