'हर दिन 200 से ज्यादा उड़ानें कम करे IndiGo', कई दिनों की अफरा-तफरी के बाद केंद्र का बड़ा एक्शन
इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानें रद्द होने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाया है। विंटर सीजन में इंडिगो की 10% उड़ानें कम की जाएंगी। डीजीसीए ने यह फैसला इंडिगो ...और पढ़ें
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इंडिगो की 10% उड़ानें विंटर सीजन में कम होंगी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक हफ्ते तक देश के विमानन सेक्टर में भारी उथल-पुथल मचाने के बाद इंडिगो ने मंगलवार को दावा किया है कि उड़ानों की स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो चुकी है। सरकार ने भी माना है कि स्थिति तेजी से सुधरी है लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस बात का भरोसा नहीं है कि देश की सबसे बड़ी यह विमानन कंपनी सर्दियों के व्यस्त मौसम में अपने वादे के मुताबिक उड़ानें संचालित कर सकेगी।
लिहाजा नियामक एजेंसी डीजीसीए ने विंटर 2025 सीजन (अक्टूबर, 2024 से मार्च, 2025) की सूची से इंडिगो की उड़ानों में 10 फीसद की कटौती करने का फैसला किया है। उल्लेखनीय बात यह है कि डीजीसीए ने यह फैसला इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स की नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू के साथ मुलाकात के बाद लिया गया।
एल्बर्स को मंत्रालय ने सम्मन किया था।यह कदम एयरलाइन की ऑपरेशनल क्षमता को लेकर सरकार के स्तर पर बढ़ रही चिंता को बताता है। दरअसल, सोमवार को देर शाम नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक नोटिस जारी विंटर सीजन के दौरान इंडिगो की उड़ानों में पांच फीसद की कटौती की घोषणा की थी।
इसे बढ़ा कर 10 फीसद करने का मतलब हुआ कि इस सीजन में इंडिगो हर हफ्ते तकरीबन 1500 उड़ानें पूर्व घोषणा के मुताबिक नहीं चला सकेंगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के डाटा के मुताबिक इस बार सर्दियों के सीजन में इंडिगो की तरफ से हर हफ्ते 15,014 उड़ानों की तैयारी की थी।
मंत्रालय के अनुसार, यह कटौती ऑपरेशन को स्थिर करने और रद्दीकरण रोकने के लिए जरूरी है। कटौती मुख्य रूप से उन रूटों में की गई हैं जहां सबसे ज्यादा मांग और जो सबसे ज्यादा व्यस्त रहती हैं। जहां इंडिगो अकेली उड़ान भरती है, वहां प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित की जाएगी।नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो के समग्र रूट नेटवर्क में 10 प्रतिशत की कटौती को जरूरी माना है।
उड्डयन मंत्री नायडू ने एक्स पर लिखा है कि, “इंडिगो के आंतरिक क्रू रोस्ट¨रग, शेड्यूल मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन में खामियों से यात्रियों को भारी परेशानी हुई। जांच जारी है और जरूरी कार्रवाई होगी। हम इंडिगो के कुल रूट्स को 10त्न कम करने का आदेश दे रहे हैं।''
मंत्रालय का मानना है कि इससे एयरलाइन का परिचालन स्थिर होगा और उड़ानों के रद्द होने की संख्या में काफी कमी आएगी। यह कटौती का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
हालांकि इस कटौती का पालन करते हुए भी इंडिगो अपने सभी गंतव्यों (डेस्टिनेशन्स) पर पहले की तरह उड़ानें जारी रखेगी। लेकिन इसकी भरपाई कौन सी एअरलाइंस करेगी यह अभी सवाल है। ढंड के दिनों को देखते हुए यह मानकर चलना चाहिए हवाई यात्रा थोड़ी अस्थिर रहेगी।
डीजीसीए ने सोमवार रात जारी नोटिस में कहा कि विंटर 2025 के लिए 15,014 साप्ताहिक उड़ानों की मंजूरी दी गई थी, लेकिन नवंबर में इंडिगो ने 64,346 मंजूर उड़ानों में से सिर्फ 59,438 संचालित कीं, यानी 951 रद्द की गई थी। विमानों की संख्या भी अनुमान से कम रही हैं।
अक्टूबर में 339 और नवंबर में 344 जबकि 403 विमानों के संचालन का लक्ष्य था। नियामक ने पाया कि नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के तहत क्रू की कमी ने स्थिति बिगाड़ दी।
सरकार के स्तर पर सख्ती दिखाने के बावजूद सवाल यह है कि क्या देश की दूसरी एयरलाइनें इंडिगो की जगह लेने को तैयार हैं। एयर इंडिया, स्पाइसजेट और अकाशा एयर जैसी कंपनियां जूझ रही हैं।
एयर इंडिया पर विस्तार का बोझ है, स्पाइसजेट के पास सितंबर 2025 तक सिर्फ 19 सक्रिय विमान हैं जबकि अकाशा पायलटों और रखरखाव की कमी से परेशान। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना तैयारी के इतनी उड़ानें को दूसरी कंपनियों को स्थाांतरित किये जाने से किराया बढ़ने का खतरा है। बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने की भी संभावना है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस का विंटर शेड्यूल ग्रीष्म काल के मुकाबले छह फीसद कम है, अकाशा ने पहले ही 5.7 फीसद और स्पाइसजेट ने 26 फीसद बढ़ोतरी की है। भारत का विमानन उद्योग में विमानों के साथ ही पायलटों की कमी गंभीर समस्या है।
जून 2025 तक 694 विमान संचालन में थे, जो साल के अंत तक 800 से ऊपर पहुंच चुके हैं। विमानन कंपनियां जो नए विमान ले रही हैं वह नैरोबॉडी वाली हैं। यही नहीं हर नये विमान के लिए 10-15 पायलट की जरूरत होती है। इनके लिए विमानन कंपनियों को तत्काल 1,500-2,100 पायलटों की भर्ती को जरूरी बताया जा रहा है।

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