Farmers Protest : संयुक्त किसान मोर्चा लोगों से मांग रहा माफी, प्रदर्शनकारियों को जारी कर रहा नसीहत
तीन कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर पिछले चार महीने से कुंडली बार्डर पर आंदोलनकारी जीटी रोड जाम कर बैठे हैं। मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध होने के कारण जीटी रोड के दोनों ओर के हजारों दुकानदार रेहड़ी चालक माल व अन्य संस्थान-प्रतिष्ठान तो बंद हैं।

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। चार माह से जीटी रोड जाम होने के कारण कुंडली और आसपास के लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। इसको लेकर अब स्थानीय लोग आंदोलन का विरोध करते हुए रास्ता खोलने की मांग करने लगे हैं और इसको लेकर टकराव की स्थिति भी उत्पन्न होने लगी है। इससे चिंतित संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलनकारियों के लिए नसीहत जारी करते हुए परेशानी के लिए स्थानीय लोगों से माफी भी मांगी है।
नेताओं ने कहा- टकराव की स्थिति पैदा न होने दें
तीन कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर पिछले चार महीने से कुंडली बार्डर पर आंदोलनकारी जीटी रोड जाम कर बैठे हैं। मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध होने के कारण जीटी रोड के दोनों ओर के हजारों दुकानदार, रेहड़ी चालक, माल व अन्य संस्थान-प्रतिष्ठान तो बंद हैं ही, दोनों ओर के करीब 20 गांवों व 40 काॅलोनियां भी प्रभावित हैं। पिछले दिनों कुछ काॅलोनीवासियों व ग्रामीणों की ओर से शिकायतें दी गई हैं कि कुछ आंदोलनकारी नशे की हालत में तेज आवाज में गाड़ियाें व ट्रैक्टरों में गाने बजाकर काॅलोनियों व गांवों की गलियों में घूमते हैं।
आंदोलन में स्थानीय लोगों के योगदान को सराहा
इस कारण कई बार टकराव की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। वहीं, 26 मार्च को भारत बंद के दौरान भी आंदोलकारियाें और लोगों की झड़प भी हो चुकी है। इसे देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने टकराव दूर करने की कवायद शुरू कर दी है।
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आंदोलनकारियों को जारी की नसीहत
मोर्चा ने बाकायदा पर्चे जारी कर व इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आंदोलनकारियों को नसीहत दी है कि वे आसपास के लोगों की परेशानी का कारण न बनें। स्थानीय निवासियों के साथ टकराव करने वाले आंदोलनकारियों पर नजर रखने के लिए एक टीम का गठन किया गया है और मोबाइल नंबर जारी किए हैं। पंजाब की ओर से लाठी गुमाण, गुरमीत मेहमां, परमजीत सिंह, जबकि हरियाणा की ओर से तेजबीर सिंह, राकेश बैंस व सुरेश कोथ को इसमें शामिल किया गया है। साथ ही मोर्चा ने स्थानीय निवासियों के सहयोग की सराहना करते हुए उनसे माफी भी मांगी है।
पंजाब-हरियाणा के तीन-तीन नेताओं की कमेटी गठित
वहीं, रविवार को भारतीय किसान एकता मंच के नेता बूटा सिंह शादीपुर ने कहा कि शुक्रवार का बंद प्रभावी रहा लेकिन कुछ शरारती आंदोलनकारियों ने आंदोलन खराब करने की कोशिश की। पैदल चलने वालों को तंग किया गया और झगड़े किए गए। कई डिलीवरी केस थे, उन्हें रोका गया। यह बहुत शर्मनाक घटना है। उन्होंने इसकी घोर निंदा की।
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