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    Delhi Blast: अल-फलाह ग्रुप में 415 करोड़ के गोलमाल का खुलासा, जवाद अहमद सिद्दीकी का पाकिस्तान कनेक्शन भी निकला

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 08:11 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी में 415 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया है। जांच में पता चला कि यूनिवर्सिटी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति का दावा किया। ईडी ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

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    मुहम्मद रईस, दक्षिणी दिल्ली। लाल किला के पास 10  नवंबर को हुए आतंकवादी हमले के बाद से जांच के घेरे में आई फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विश्वविद्यालय की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 415.10 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता पकड़ी है।

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    एक दिन पहले ट्रस्टियों और प्रमोटरों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में एक साथ छापेमारी की गई थी। एक ही पैन नंबर पर इंजीनियरिंग काॅलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग और अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के अकाउंट पाए गए हैं।

    मंगलवार देर रात गिरफ्तारी के बाद ईडी ने पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) की धारा 19 के यूनिवर्सिटी के चांसलर व मैनेजिंग ट्रस्टी जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर साकेत कोर्ट में पेश कर कई गंभीर आरोप लगाए।

    14 दिन के रिमांड की मांग करते हुए जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) ट्रस्ट के नाम पर ही भरे जा रहे थे और हाॅस्टल और मेस फीस को शेल कंपनियों तक पहुंचाया जा रहा था।

    जांच एजेंसी के तर्कों को सुनने के बाद साकेत कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शीतल चौधरी प्रधान ने बुधवार रात करीब एक बजे अपराध की गंभीरता और जांच के प्रारंभिक चरण को देखते हुए आरोपित जवाद अहमद सिद्दीकी को 13 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।

    एक ही पैन नंबर का किया गया इस्तेमाल

    रिमांड मिलने के बाद ईडी की टीम उनसे नैक के फर्जी दावों और शेल कंपनियों में पैसों के ट्रांसफर को लेकर भी पूछताछ कर रही है। ईडी की जांच में आया कि अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी, अल फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, अल-फलाह यूनिवर्सिटी और अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के बैंक खातों में एक ही पैन नंबर (AAATA0235F) इस्तेमाल किया गया।

    नैक के 'ए' ग्रेड का दावा निकला झूठा

    वित्तीय नियंत्रण के लिए आईटीआर अल-फलाह ट्रस्ट के नाम पर भरे गए। कोर्ट में ईडी ने आरोप लगाया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने अपनी नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) मान्यता स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत किया।

    अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी की नैक मान्यता 2013 से 2018 तक 'ए' ग्रेड और डिपार्टमेंट आफ टीचर एजुकेशन की नैक मान्यता 2011 से 2015 तक 'ए' ग्रेड थी।

    नवीनीकरण कराए बिना ही 'ए' ग्रेड की मान्यता का दावा करते हुए लगातार एडमिशन लिए गए। यूनिवर्सिटी ने वित्तीय वर्ष 2018 से 2025 तक 415.10 करोड़ रुपये का शैक्षिक राजस्व अर्जित किया। इसमें 2018 के बाद हर साल तेज वृद्धि पाई गई। वर्ष 2018-19 में जहां वार्षिक राजस्व केवल 24.1 करोड़ था, वहीं 2024-25 में यह 80.10 करोड़ हो गया।

    डायवर्ट की किए जा रहे थे हाॅस्टल व मेस फीस

    यूनिवर्सिटी की हाॅस्टल व मेस फीस को लेकर भी अनियमितता मिली है। ये धनराशि अमला इंटरप्राइज और कारकुन कंस्ट्रक्शन को भेजे जा रहे थे, जो ट्रस्ट की ही शेल कंपनियां थीे। इनका संचालन जवाद के रिश्तेदार करते हैं।

    ईडी की ओर से अदालत में पेश हुए विशेष अभियोजक साइमन बेंजामिन ने तर्क दिया कि जांच में पाया गया है कि लोगों और छात्र शुल्क से ठगे गए धन का इस्तेमाल निजी और व्यक्तिगत उपयोग के लिए किया जा रहा था।

    ट्रस्ट के लीगल एडवायजर व चीफ फाइनेंस ऑफिसर ने भी माना है कि वित्तीय देखभाल को लेकर वे सीधे जवाद अहमद सिद्दीकी को रिपोर्ट करते हैं। वहीं वित्तीय निर्णय यूनिवर्सिटी में गवर्निंग बाॅडी करती है, जिसके अध्यक्ष भी चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी हैं।

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    सुबूतों को कर सकता है प्रभावित, इसलिए हिरासत जरूरी

    ईडी ने 14 दिनों की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि अपराध की पूरी आय का पता लगाने व आकलन करने के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ जरूरी है। यह भी कहा कि आरोपी अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक, प्रबंध ट्रस्टी और नियंत्रक के पद पर बना हुआ और यूनिवर्सिटी व उससे जुड़े संस्थानों पर प्रभाव रखता है।

    आरोपी संबंधित संस्थाओं या व्यक्तियों को धन हस्तांतरित या गिरवी रख सकता है और उनकी संपत्तियों को प्रवर्तन की पहुंच से बाहर रखने के लिए डायवर्ट कर सकता है। ऐसे में उसकी गिरफ्तारी आवश्यक हो जाती है।

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    अल-फलाह तलाशी के मुख्य बिंदु

    • जवाद अहमद सिद्दीकी का ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न कंपनियों पर पूर्ण नियंत्रण है।
    • जवाद अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर अपने नियंत्रण वाली विभिन्न कंपनियों में ट्रस्ट के धन का लेन-देन कर रहा है।
    • जवाद अहमद सिद्दीकी ने पाकिस्तान का दौरा किया था और रजिस्ट्रार मोहम्मद परवेज भी पाकिस्तान गए थे।
    • अल फलाह के वेब डेवलपर ने बताया कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में बदलाव केवल अध्यक्ष के निर्देश पर किए गए थे, जिसमें नैक मान्यता व यूजीसी से संबंधित जानकारी आदि शामिल हैं।
    • यूनिवर्सिटी परिसर में तलाशी के दौरान, सभी डिजिटल उपकरणों, टैली डेटा आदि का बैकअप रखने वाली हार्ड डिस्क लाइब्रेरी में छिपाई गई थी। इसे ईडी ने जब्त कर लिया है।

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