लोगों को जीवन देने वाले खुद लाइफस्टाइल डिजीज की गिरफ्त में, ड्यूटी के दबाव से बीमार हो रहे देश के डॉक्टर
दिल्ली में डॉक्टरों की जीवनशैली पर एक गंभीर मुद्दा सामने आया है। अत्यधिक ड्यूटी और तनाव के कारण, वे स्वयं लाइफस्टाइल डिजीज से पीड़ित हो रहे हैं। डॉक्ट ...और पढ़ें

काम के बोझ से बीमार हो रहे देश के डॉक्टर।
अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सकों की कमी, जिम्मेदारी के बोझ और काम के दबाव ने चिकित्सकों की दिनचर्या को इस कदर प्रभावित किया है कि बहुत बड़ी संख्या में चिकित्सक जीवनशैली से जुड़ी गंभीर बीमारियों (लाइफस्टाइल डिजीज) की चपेट में आ रहे हैं। यह चौंकाने वाली जानकारी 'जर्नल आफ मिड-लाइफ हेल्थ' में प्रकाशित हालिया अध्ययन में सामने आई है।
दिल्ली सहित सात राज्यों के 265 चिकित्सकों पर 2025 में चार महीने तक यह अध्ययन नलाइन किया गया। इसमें चिकित्सकों के स्वास्थ्य व जीवनशैली पर नजर रखी गई। अध्ययन का नेतृत्व एसएन मेडिकल कालेज, आगरा के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. प्रभात अग्रवाल ने किया।
हाई बीपी के मरीजों की संख्या अधिक
इसमें कोलकाता और झारखंड के चिकित्सा एवं शोध संस्थानों का भी योगदान रहा। अध्ययन में 48 प्रतिशत चिकित्सक हाई ब्लड प्रेशर, 23 प्रतिशत डायबिटीज, 14 प्रतिशत हाई कोलेस्ट्राल, थायराइड और हृदय रोग से पीड़ित मिले, जबकि कुछ चिकित्सक मोटापे की समस्या से जूझ रहे थे।
अध्ययन में कुछ चिकित्सकों में धूमपान की आदत भी मिली। शोधकर्ताओं का कहना है कि चिकित्सकों को नियमित हेल्थ चेकअप, वर्क-लाइफ बैलेंस, मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और संस्थागत स्तर पर वेलनेस गाइडलाइंस कराना चाहिए।
बीमारियों की ये वजह
लंबे ड्यूटी आवर्स, लगातार नाइट शिफ्ट, मानसिक तनाव, नींद की कमी और अनियमित खान-पान को चिकित्सकों की बिगड़ती सेहत का प्रमुख कारण बताया गया है।
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सीनियर रेजिडेंट ने 72 घंटे की ड्यूटी पर दिया था त्यागपत्र
दिल्ली के संदर्भ में अध्ययन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि राजधानी के सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सकों पर काम का दबाव अत्यधिक रहता है। हालांकि अध्ययन में दिल्ली के किसी विशेष अस्पताल का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि राजधानी के विभिन्न स्तरों के चिकित्सक इस आनलाइन अध्ययन में शामिल थे।
पिछले दिनों दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में शुमार जीबी पंत अस्पताल के हदय रोग विभाग के एक सीनियर रेजिडेंट डाक्टर ने लगातार 72 घंटे की लगातार ड्यूटी से तंग आकर त्यागपत्र दे दिया था।

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