देश के 20 सबसे प्रदूषित निगरानी केंद्र सभी दिल्ली में, जहांगीरपुरी की हालत सबसे खराब
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। देश के 20 सबसे प्रदूषित निगरानी केंद्र दिल्ली में ही स्थित हैं, जिनमें जहांगीरपुरी की हालत सबसे ...और पढ़ें

जहांगीरपुरी में कुशल सिनेमा के पास खाली ग्राउंड में जमा कचरा भी बढ़ाता है प्रदूषण। जागरण आर्काइव
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली सहित देश भर में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए चलाए जा रहे सभी अभियानों के बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। 'हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट' (एचईआइ) के ताजा अध्ययन के अनुसार साल 2024 में भारत के सर्वाधिक प्रदूषित सभी 20 निगरानी केंद्रों में दिल्ली में स्थित हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी दिल्ली का जहांगीर पुरी देशभर में सबसे प्रदूषित स्थान बनकर उभरा है। यहां पर पीएम 10 की वार्षिक सांद्रता 276.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई है, जो तय मानकों से कई गुना अधिक है। वहीं पंजाबी बाग और आरके पुरम जैसे क्षेत्रों में भी प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि रिकार्ड की गई है, जो चिंता का विषय है।
केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2019 में शुरू किए गए ''राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम'' के प्रभावों का आकलन करते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की स्थिति मिली- जुली रही है। दिल्ली के 40 में से 20 स्टेशनों पर पीएम 10 के स्तर में गिरावट भी देखी गई है। विशेष रूप से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के आसपास हवा में सबसे अधिक सुधार दर्ज हुआ।
इस रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी भी है कि भले ही आंकड़ों में 20 निगरानी केंद्रों के प्रदूषण में कुछ गिरावट दिख रही हो, लेकिन दिल्ली अब भी भारत का सबसे बड़ा प्रदूषण ''हाटस्पाट'' बना हुआ है। चिंता की बात यह भी है कि जो 20 निगरानी केंद्र सर्वाधिक प्रदूषित रहे हैं, उनमें ज्यादातर पहले से चिन्हित दिल्ली के 13 हाॅटस्पाॅट का भी हिस्सा हैं।इससे यह पता चलता है कि इन हाटस्पाट की स्थिति तो सुधर ही नहीं रही, नए नए हाटस्पाट और सामने आते जा रहे हैं।
देशभर में प्रदूषित दिल्ली के विभिन्न 20 इलाके
- बवाना
- द्वारका सेक्टर-8
- नजफगढ़
- नार्थ कैंपस
- रोहिणी
- जहांगीरपुरी
- लोधी रोड
- डाॅ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज
- आईजीआई एयरपोर्ट
- मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम
- शादीपुर
- बुराड़ी क्रासिंग
- आयानगर
- विवेक विहार
- अशोक विहार
- पूसा
- सीरीफोर्ट
- आनंद विहार
- मथुरा रोड
- चांदनी चौक
कुछ प्रमुख हाॅटस्पाॅट पर प्रदूषण की मुख्य वजह
- आनंद विहार : आनंद विहार बस अडडे पर वाहनों के आवागमन से धूल उत्पन्न होना, चौधरी चरण सिंह मार्ग पर जाम, सड़क किनारे पर धूल का जमाव, रेलवे स्टेशन के निकास पर भीड़ (जाम की समस्या)।
- अशोक विहार : सड़क की धूल, ट्रैफिक जाम (आज़ादपुर मेट्रो से बस टर्मिनल), मेट्रो प्रोजेक्ट के बगल में गुजरांवाला टाउन के पास कच्ची सड़क।
- द्वारका : द्वारका में सड़क पर धूल (राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान केंद्र (द्वारका) जहां सीएएक्यूएम स्टेशन स्थापित है, के पास सड़कों पर धूल), सीएएक्यूएम स्टेशन के ठीक सामने डीडीए ग्राउंड में कचरा और सीएंडडी कचरे की अवैध डंपिंग।
- मुंडका : दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर कच्चे रास्ते और गड्ढों के कारण भारी मात्रा में धूल उड़ना, दिल्ली-रोहतक राजमार्ग पर यातायात की मात्रा अधिक होने व मुंडका औद्योगिक क्षेत्र मेट्रो स्टेशन चौराहे के नीचे यातायात की भीड़, मुंडका पुनर्विकास क्षेत्र के अंदर कच्ची सड़कें।
- जहांगीरपुरी : यहां पर बायोमास बर्निंग, भलस्वा सेनेटरी लैंडफिल, आइटीआइ के सामने बस टर्मिनल के पास यातायात जाम, निर्माण एवं विध्वंस रीसाइक्लिंग प्लांट।
- रोहिणी : डीडीए के खाली ग्राउंड आई एंड एफसी भूमि पर कचरा डंपिंग, खुले में कचरा जलाना।
- नरेला : खाली जगह पर कचरे की डंपिंग, जाम की समस्या, नरेला औद्योगिक क्षेत्र में यातायात की भीड़, ट्रकों का आवागमन।
- पंजाबी बाग : मोती नगर फ्लाइओवर के नीचे भारी ट्रैफिक जाम, रोड नंबर 41 पर गड्ढे, रामलीला मैदान में ड्राइविंग ट्रेनिंग पार्क का उपयोग, रोहतक रोड की सर्विस लेन पर सीएंडडी वेस्ट की अवैध डंपिंग।
- आरके पुरम : यहां पर हैवी ट्रैफिक, सड़कों पर गड्ढे, एनबीसीसी की निर्माण साइट।
- विवेक विहार : यहां पर योजना विहार की सोसायटियों में निर्माण और विध्वंस गतिविधि, झिलमिल में टूटी सड़कों के कारण सड़क पर धूल का उड़ना, रेलवे रोड (झिलमिल अंडरपास) के पास भारी जाम।
- बवाना : महर्षि वाल्मिकी अस्पताल के बाहर अवैध कूड़ा डंपिंग और अस्पताल के बाहर यातायात की भीड़, पूठ खुर्द रोड पर सड़क की धूल, दिल्ली-औचंदी रोड के किनारे लोक निर्माण विभाग की सर्विस सड़कों पर सी एंड डी कचरे की अवैध डंपिंग और दिल्ली-औचंदी रोड पर शहीद पार्क से अपना घर आश्रम मोड़ तक के क्षेत्र में भारी जाम।
सरकारी प्रयासों के नाम पर बनते रहे कागजी प्लान
दिल्ली में प्रदूषण के 13 हाट स्पाट 2018 में चिन्हित किए गए थे। लेकिन इनमें से कोई भी इस सूची से बाहर नहीं हुआ। हाटस्पाट बढ़ते ही गए। कहने को विंटर एक्शन प्लान में हर बार इनका जिक्र होता है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो पाता। इस वर्ष के प्लान में तो सरकार इन्हें भूल भी गई थी।

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