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    प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार पूलिंग एप, PUC प्रणाली में भी सुधार की योजना; MCD को मिलेंगे 2,700 करोड़ रुपये

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 05:02 PM (IST)

    दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) प्रणाली में सुधार करेगी और थर्ड पार्टी निगरानी की व्यवस्था करेगी। वाहनों की भीड़ कम करने के लिए एक ...और पढ़ें

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    दिल्ली में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण। एएनआई

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को घोषणा की कि दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) प्रणाली में सुधार करेगी और थर्ड पार्टी निगरानी की व्यवस्था करेगी।

    इसके अतिरिक्त वाहनों की भीड़ कम करने के लिए एक कार पूलिंग एप विकसित किया जाएगा और यांत्रिक सड़क सफाईकर्मियों और कूड़ा बीनने वाले यंत्रों की खरीद के लिए एमसीडी को 10 वर्षों में 2,700 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।

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    दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सिरसा ने कहा कि सरकार दिल्ली वासियों को सवारी साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने और सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या कम करने के लिए एक कार पूलिंग एप्लिकेशन विकसित करने पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा, "हम एक ऐसा कार पूलिंग एप लाने की कोशिश कर रहे हैं जिसे लोग आसानी से डाउनलोड और उपयोग कर सकें।"

    मंत्री ने कहा कि सरकार ने पूरे शहर में गड्ढों की निगरानी के लिए एक तृतीय-पक्ष एजेंसी को नियुक्त करने का निर्णय लिया है।प्रस्तावित प्रणाली के तहत, एजेंसी साल भर सर्वेक्षण करेगी, दिल्ली भर में यात्रा करेगी, गड्ढों की पहचान करेगी, तस्वीरें खींचेगी और अधिकारियों को डेटा प्रस्तुत करेगी। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा निविदा जारी की गई है।

    मंत्री जी ने यह भी घोषणा की कि सरकार एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए यातायात पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “वर्तमान में अगर लंबा जाम भी लग जाए, तो ट्रैफिक लाइट कुछ समय तक लाल रहती है। इससे जाम और बढ़ जाता है। हम एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहे हैं जिससे जाम लगने पर ट्रैफिक सिग्नल के लाल रहने की अवधि कम की जा सके।”

    मंत्री जी ने कहा कि सरकार ट्रैफिक हाट स्पाट की पहचान करने के लिए गूगल मैप्स के साथ भी साझेदारी करेगी। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में प्रदूषण के 13 हाटस्पाट थे, जो अब बढ़कर 62 हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा, “हम वाहनों से होने वाले प्रदूषण के 100 हाटस्पाट की पहचान करने के लिए गूगल मैप्स के साथ साझेदारी कर रहे हैं। इस तरह हम आवश्यक कदम उठा सकेंगे।”

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    सिरसा ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के चार स्रोत हैं - वाहन प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण, धूल प्रदूषण और ठोस अपशिष्ट प्रदूषण। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को 70 यांत्रिक सड़क सफाई मशीनों और जल छिड़काव यंत्रों को तैनात करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि शहर भर में लगभग 1,000 कूड़ा बीनने वाले यंत्र और 300 जल छिड़काव यंत्र भी तैनात किए जा रहे हैं।

    मंत्री ने कहा कि दिल्ली वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्षेत्रीय दृष्टिकोण सुनिश्चित करने हेतु पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय कर रही है। उन्होंने कहा, "हम पड़ोसी राज्यों के संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि वहां भी वायु गुणवत्ता में सुधार हो।"

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    सिरसा ने यह भी बताया कि सरकार ने प्रदूषण स्तर को कम करने में सहायक "धुआं-रोधी" सतहों की पहचान और विकास के लिए आईआईटी मद्रास के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन सतहों का परीक्षण किया जाएगा और चुनिंदा क्षेत्रों में इन्हें लागू किया जाएगा।

    लोगों को सार्वजनिक परिवहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सरकार इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा ऐसी 100 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा।

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    सिरसा ने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के नेता जानबूझकर प्रदूषण स्तर बढ़ाने के लिए कचरा जला रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, "मैं आम आदमी पार्टी और उनके सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से आग्रह करता हूं कि वे इस तरह की गंदी राजनीति में शामिल न हों।"