ग्रेप-4 हटने के बाद भी ‘पीयूसी नहीं तो ईंधन नहीं’ अभियान जारी, आदेश न होने से असमंजस में पेट्रोल पंप संचालक
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद ग्रेप चरण में बदलाव हुआ है, जिससे कई पाबंदियां हटा दी गई हैं। 'पीयूसी नहीं तो ईंधन नहीं' अभियान को लेकर पेट् ...और पढ़ें

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता की स्थिति में सुधार के बाद बुधवार शाम दिल्ली में ग्रेप चरण में सुधार कर चार से तीन कर दिया गया है, इससे दिल्ली के उद्योग, धंधों के साथ ही परिवहन में राहत मिली है।
निर्माण कार्यों से भी प्रतिबंध हटा लिया गया है, लेकिन पंप संचालक असमंजस में हैं। क्योंकि, दिल्ली सरकार ने मंगलवार को ही एलान किया था कि ग्रेप हटने के बाद भी पीयूसी नहीं तो ईंधन नहीं” अभियान बरकरार रहेगा, लेकिन बृहस्पतिवार को भी उससे संबंधित कोई आदेश जारी नहीं हुआ।
जबकि इससे संबंधित पूर्व के आदेश तथा पंप संचालकों के साथ की बैठक में अभियान को ग्रेप-चार तक लागू रखने की बात थी। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा कि तस्वीर स्पष्ट नहीं है कि आगे अब किस आधार पर वाहनों को पेट्रोल देना है।
क्योंकि, इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। वैसे, बृहस्पतिवार को भी अधिकांश पंपों पर पीयूसी के आधार पर ईंधन देना जारी रहा। साथ ही परिवहन विभाग द्वारा पंपों पर लगाए गए एएनपीआर कैमरे काम करते रहे। अब ऐसे में शुक्रवार को पंप संचालक सरकार से मुलाकात कर स्पष्टीकरण की मांग करेंगे।
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर 18 दिसंबर से “पीयूसी नहीं तो ईंधन नहीं” अभियान लागू है। अभियान का असर यह की अब तक ढाई लाख से अधिक पीयूसी बन चुके हैं साथ ही 10 हजार से अधिक वाहन जांच में फेल भी साबित हुए है।
सरकार ने उसकी सफलता को देखते हुए आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया है लेकिन आदेश न जारी होने से अब भ्रम की स्थिति है। बहरहाल, कुछ सेंटरों में पीयूसी जारी करने के मामले में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के मामले सामने आने पर डीपीडीए ने सख्ती के आदेश दिए हैं।

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