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    दिल्ली-NCR के प्रदूषण में रोज कितनी सिगरेट पी रहे हैं आप? रिसर्च में सामने आया चौंकाने वाला सच

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 07:16 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर चरम पर है। एक रिसर्च के अनुसार, यहां के निवासी रोजाना बिना सिगरेट पीए ही 8 से 12 सिगरेट के बराबर नुकसान झेल रहे ...और पढ़ें

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    दिल्ली और एनसीआर के लोग बिना पीए रोजाना 8-10 सिगरेट पी रहे।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का खतरा अपने चरम पर पहुंच गया है। बर्कले अर्थ की रिसर्च के अनुसार, लंबे समय तक 22 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर PM2.5 के स्तर पर सांस लेना एक सिगरेट पीने के प्रभाव के बराबर होता है। 15 दिसंबर को दर्ज वायु प्रदूषण के आंकड़ों में एनसीआर के प्रमुख शहरों में PM2.5 का स्तर सबसे ज्यादा दर्ज किया गया, जिससे लोगों के लिए सांस लेना फेफड़ों के लिए घातक साबित हो रहा है।

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    रिपोर्ट के मुताबिक ग्रेटर नोएडा में PM2.5 का स्तर 266 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो रोजाना करीब 12.1 सिगरेट पीने के बराबर है। फरीदाबाद में 218 (9.9 सिगरेट), गुरुग्राम में 200 (9.1), दिल्ली में 198 (9), नोएडा में 187 (8.5) और गाजियाबाद में 179 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (8.1 सिगरेट) दर्ज किया गया।

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    ये आंकड़े दर्शाते हैं कि एनसीआर के निवासी बिना सिगरेट पीए ही रोजाना 8 से 12 सिगरेट के बराबर नुकसान झेल रहे हैं। यह प्रदूषण फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर हृदय रोग, स्ट्रोक, अस्थमा और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ाता है।

    विशेषज्ञों की चेतावनी है कि बाहर निकलते समय N95 मास्क जरूर पहनें। कोशिश करें कि घर से कम निकलना पड़े और बच्चों-बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखें। एक्यूआई.आईएन से प्राप्त डेटा के अनुसार भी दिल्ली में PM2.5 का स्तर 400 के पार बना हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकट पैदा कर रहा है।

    सभी कणों में सबसे खतरनाक है PM2.5

    एक्यूआई को मापने के लिए हवा में मौजूद कण PM2.5, PM10, NO2, SO2, CO और O3 जैसे तत्वों की मात्रा को देखते हैं। इन सभी में से PM2.5 सबसे खतरनाक है। यह इतना छोटा होता है कि सीधे फेफड़ों में जाकर जमा हो सकता है और लंबे समय बाद इसके दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं। 

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