Delhi: सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना था आतंकियों का मकसद, प्रभावशाली लोगों पर हमले की थी साजिश
Delhi Terrorist Arrest सीमापार से आतंकी हैंडलरों की ओर से दिल्ली-एनसीआर के प्रभावशाली लोगों पर हमले की साजिश रचने की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी। उसी के बाद 12 जनवरी को दोनों को जहांगीरपुरी इलाके से गिरफ्तार किया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का कहना है कि सीमापार आतंकियों के निर्देश पर दोनों आतंकी-जगजीत सिंह और नौशाद अली देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे। जगजीत उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले के गूलर भोज के कोपा किरपाली, जबकि नौशाद दिल्ली के जहांगीरपुरी बी-ब्लाक का रहने वाला है।
जहांगीरपुरी से 2 आंतकियों को किया गया था गिरफ्तार
इन्हें सीमा से सटे राज्यों, दिल्ली में दक्षिणपंथी हिंदू नेताओं और पंजाब में खालिस्तान समर्थकों के विरोध में आवाज उठाने वाले नेताओं को हत्या करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सेल को सूचना मिली थी कि सीमापार से आतंकी हैंडलर दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख लोगों पर हमले की साजिश रच रहे हैं। इसके लिए वे पड़ोसी राज्यों के बड़े गैंगस्टरों का भी इस्तेमाल करने की साजिश रच रहे हैं। उसी के बाद 12 जनवरी को दोनों को जहांगीरपुरी इलाके से गिरफ्तार किया गया।
हत्या के मामले में हुआ था गिरफ्तार
सेल के अधिकारियों की मानें तो जगजीत को नवंबर 2018 में हत्या के मामले में पकड़ा गया था। तीन नवंबर, 2018 को जगजीत साथी रविंदर सिंह के साथ रुद्रपुर से इलाहाबाद जाने के लिए किराये पर इनोवा टैक्सी ली थी, लेकिन रास्ते में चालक की हत्या करने के बाद टैक्सी लेकर फरार हो गया था। इसके बाद दोनों को नवंबर में ही पुलिस ने उधमसिंह नगर के झनकैया में मुठभेड़ के बाद दबोच लिया था।
हल्द्वानी जेल में रहने के दौरान जगजीत, कुख्यात बंबीहा गिरोह से जुड़ गया था, क्योंकि बंबीहा गिरोह के बदमाश भी उसी जेल में बंद हैं। अप्रैल 2022 में जगजीत जब 20 दिन के लिए पैरोल पर बाहर आया था, तो 20 अप्रैल को उत्तराखंड के गदरपुर, गुलरभोज में लारेंस बिश्नोई गिरोह के बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया था। उसके बाद वह कनाडा में रह रहे अर्शदीप डल्ला के संपर्क में आ गया था।
नौशाद अली पहली बार जहांगीरपुरी में हत्या के आरोप में पकड़ा गया था। वर्ष 1996 में वह दो माह के लिए पैरोल पर बाहर आया था, लेकिन उसके बाद हत्या के मामले में उसे फिर गिरफ्तार कर लिया गया था। वर्ष 2018 में जेल से निकलने के बाद वह सीमापार के आतंकियों के संपर्क में आ गया था।
तिहाड़ में आतंकियों के संपर्क में आया
तिहाड़ में रहने के दौरान वह कई अन्य आतंकियों के संपर्क में भी आ गया था। वर्ष 2020 में हल्द्वानी जेल में नौशाद की मुलाकात जगजीत से हुई थी। तब उसे उत्तराखंड के रामनगर में रंगदारी वसूलने के मामले में पकड़ा गया था।
हल्द्वानी जेल में पेशी के दौरान उसकी मुलाकात जगजीत सिंह से हुई थी। सेल के अधिकारियों के अनुसार दोनों आतंकियों से दो हैंड ग्रेनेड, 32 एमएम की पिस्टल, चार कारतूस, 18 राउंड वाली दो 9 एमएम की पिस्टल और चार मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
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