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    दोनों पक्षों पर 20-20 हजार का जुर्माना लगा HC ने रद की छेड़छाड़ की FIR, कहा-पुलिस और कोर्ट का समय किया बर्बाद

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 07:15 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने छेड़छाड़ के एक मामले में आपसी समझौते के बाद एफआईआर रद्द कर दी। हालांकि, अदालत ने पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया में लगे सरकारी समय व म ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। छेड़छाड़ के मामले में दोनों पक्षोें के बीच हुए आपसी समझौते के आधार पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ की गई प्राथमिकी को रद कर दिया। हालांकि, अदालत ने रिकाॅर्ड पर लिया कि मामले में पुलिस ने जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल किया था और पूरी प्रक्रिया में सरकारी समय और मशीनरी का इस्तेमाल किया गया। अदालत ने कहा कि उक्त तथ्यों को देखते हुए याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना लगाना न्याय संगत होगा। न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए प्राथमिकी रद कर दी।

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    अदालत ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि जुर्माना राशि छह सप्ताह के अंदर दिल्ली पुलिस बलिदानी अनुदान में जमा कराएं। याचिका के अनुसार शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि आरोपित डाॅ. दविंदर सहित अन्य उनके साथ छेड़छाड़ की थी। महिला की शिकायत पर मयूर विहार फेज-एक थाने में प्राथमिकी हुई थी।

    याचिकाकर्ताओं ने प्राथमिकी रद करने की मांग करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने मामले को आपस में सुलझा लिया है। वहीं, अदालत में मौजूद महिला ने भी कहा कि अब वह मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है और उसने बिना किसी दबाव के मामले को सुलझा लिया है। पुलिस ने भी कहा कि प्राथमिकी को रद किए जाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है। उक्त तथ्यों को देखते हुए अदालत ने प्राथमिकी रद कर दी।

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