Delhi Blast: शरीर के अंग मिलने का सिलसिला जारी, अब 400 मीटर दूर मिला हाथ; लाल किला मेट्रो स्टेशन अगले आदेश बंद
दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के कारण लाल किला मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और घटनास्थल से 400 मीटर दूर एक मानव हाथ बरामद हुआ है। सुरक्षा कारणों से मेट्रो स्टेशन को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi Blast 2025 राजधानी दिल्ली के लाल किला के पास सोमवार शाम को हुए विस्फोट के बाद दिल्ली पुलिस और एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। इसी के चलते लाल किला मेट्रो स्टेशन को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही लाल किला स्थित घटनास्थल को अब भी सफेद कपड़े से बंद किया हुआ है।
वहीं, विस्फोट के तीसरे दिन भी घटनास्थल से लोगों के शरीर के अंग मिलने का सिलसिला जारी है। 350- 400 मीटर की दूरी पर दिगंबर जैन लाल मंदिर के पीछे लाजपत राय मार्केट के एक गेट के ऊपर लगे शेड पर पूरा हाथ का हिस्सा मिला है।
जांच में कई बड़े खुलासे
लाल किला के बाहर आई-20 कार में हुए धमाके में हाई ग्रेड मिलिट्री विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था। जांच से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि धमाके की तीव्रता व उससे हुई क्षति से साफ है कि यह अमोनियम नाइट्रेट जैसे साधारण विस्फोटक से संभव नहीं है, जिन्हें आतंकियों के फरीदाबाद के ठिकाने से बरामद किया गया था।
वहीं, आतंकी उमर व मुजम्मिल के 2021 में तुर्किये जाने और वहां जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर्स से मिलने के भी सबूत मिले हैं। जांच में सामने आया है कि इस मॉड्यूल का हैंडलर पाकिस्तान से इन्हें निर्देश दे रहा था। साफ है कि लाल किला के पास धमाका भले ही हताशा में किया गया हो, लेकिन लंबी तैयारी यह थी कि 26/11 की तरह कई स्थानों पर एक साथ हमले करके दिल्ली को दहलाया जाए।
26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते आए आतंकियों ने मुंबई में एक साथ कई स्थानों पर हमले कर देश की आर्थिक राजधानी को दहला दिया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हाई ग्रेड मिलिट्री विस्फोटक की पुष्टि होने की स्थिति में इसके पीछे पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। धमाके वाली क्षतिग्रस्त कार के सभी पार्ट्स को मंगलवार देर रात ट्रक में डालकर जांच के लिए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब में ले जाया गया। वहां एफएसएल, सीबीआइ और एनआइए की फोरेंसिक टीमें कार से नमूने उठाकर जांच कर रही हैं।
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एक्सपर्ट का कहना है कि धमाके के बाद वाहनों में लगी आग को बुझाने के लिए अग्निशमन कर्मियों को पानी का इस्तेमाल करना पड़ा। इससे विस्फोटक में इस्तेमाल केमिकल धुल गए। धमाके में आसपास जगहों से नमूने उठाने व जांच करने का काम किया जा रहा है। मौके पर भी फोरेंसिक वैन में नमूने की जांच की जा रही है। इस बीच, धमाके के बाद जो मानव अंग मिले थे, उनकी डीएनए जांच से यह पुष्टि हो गई है कि मरने वालों में डॉ. उमर भी शामिल है।
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वहीं, जांच से पता चला कि जैश आतंकियों ने एनसीआर के शहरों में तबाही मचाने की बड़ी साजिश रची थी। बीते 26 जनवरी को लाल किले, दीपावली के दौरान इंडिया गेट, कांस्टीट्यूशन क्लब, गौरी शंकर मंदिर, सरोजनी नगर मार्केट, लाजपत नगर मार्केट व सदर बाजार आदि स्थानों पर सीरियल धमाके करने की साजिश थी। लेकिन अधूरी तैयारी के कारण अंतिम समय में इसे रद कर दिया गया था। ये लोग किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे पाते इससे पहले पुलवामा में जैश के समर्थन में पोस्टर लगाने से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा से एनसीआर तक में आतंकियों की धरपकड़ शुरू कर दी। तब हताशा में डा. उमर ने सोमवार शाम लाल किले के बाहर आत्मघाती हमला कर दिया।

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