दिल्ली ब्लास्ट में उजड़ गई इन 5 परिवारों की जिंदगियां, बिखर गए सपने... अपनों के चेहरे देख फूट-फूटकर रोए परिजन
दिल्ली में हुए ब्लास्ट ने तीन परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। अपनों को खोने के गम में डूबे परिजन फूट-फूटकर रो रहे हैं। इस हादसे ने कई जिंदगियां उजाड़ दीं और अनगिनत सपने चकनाचूर कर दिए। मृतकों के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है, हर तरफ मातम छाया हुआ है।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi Blast 2025 दिल्ली के लाल किला के पास हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों में कोहराम मचा है। मंगलवार को दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की मोर्चरी से शवों को बाहर निकाला गया तो मृतकों के परिजन बिलख पड़े। इस दौरान अपनों को देखकर परिजन फूट-फूटकर रोए।
लाल किला धमाके में मारे गए मृतक अमर कटारिया की मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। अमर कटारिया दिल्ली के श्रीनिवासपुरी के रहने वाले थे।

लोक नायक अस्पताल के शवगृह में विस्फोट में मारे गए पंकज के शव की शिनाख्त कराई गई। इसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। पंकज का शव देखकर परिजन गमगीन हो गए।

वहीं, दिल्ली विस्फोट में मारे गए ओमान का शव भी परिजनों को सौंप दिया गया। ओमान का देखकर परिजन बिलख पड़े। इस दौरान किसी तरह परिजनों को संभाला गया।
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लाल किला के पास विस्फोट में मारे गए मोहसिन के परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। ब्लास्ट में मारे गए जुम्मन के शरीर को मौलाना आजाद स्थित शवगृह लाया गया। परिवार ने जुम्मन की पहचान कपड़ों से की। जुम्मन का पैर और आधा सिर गायब है।

जुम्मन के चाचा इदरीस ने बताया कि जुम्मन की पत्नी विकलांग है और चार बच्चों में तीन बेटी और एक बेटा है। जुम्मन की उम्र 35 वर्ष है और ई-रिक्शा चलाने का काम करता था। वह शास्त्री पार्क का रहने वाला था। वहीं, परिजनों का शवगृह के बाहर रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी बहन और पत्नी तनुजा फूट-फूटकर रो रही है।

खौफनाक था मंजर
ऐतिहासिक लाल किला के पास सोमवार शाम को हुए कार धमाके के बाद इलाके में चीख-पुकार मच गई। धमाके की गूंज शांत होते ही राहगीरों की नजरें मानव अंगों के चीथड़ों पर पड़ी। अगले ही पल मंजर चीत्कारों से गूंज उठा। चश्मदीदों के अनुसार, शुरुआती कुछ पल में तो किसी को कुछ समझ नहीं आया। मगर हादसे की भयावहता को देखते हुए राहगीरों ने घायलों की मदद करनी शुरू कर दी।
आलम यह हुआ कि एंबुलेंस आने से पहले ही घायलों को ई-रिक्शा से अस्पताल पहुंचाया गया। इस बीच कुछ लोगों ने अपने निजी वाहनों से भी घायलों की मदद की। लोगों के अनुसार, घटना के तुरंत बाद सड़क पर धुआं फैल गया और कई वाहनों में आग लग गई। धमाके के बाद कुछ देर तक लोगों को समझ ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है।
वहीं, कराहती आवाजों को देख राहगीरों ने मानवता का परिचय देते हुए सबकी मदद करनी शुरू कर दी। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे में फंसे लोग ही एक-दूसरे की सहायता कर घटना से उबरने का प्रयास करने लगे।
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उधर, विस्फोट की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस के साथ दमकल विभाग सक्रिय हो गया। देखते ही देखते दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। फायर ब्रिगेड के जवानों ने जलते वाहनों पर पानी की धारों से लपटों को बुझाना शुरू कर दिया।
वहीं, पुलिस ने गाड़ियों की आवाजाही रोककर पूरे क्षेत्र को घेर लिया और सुरक्षा घेरा बनाते हुए भीड़ को पीछे हटाया। आसपास खड़ी कई गाड़ियों में बुरी तरह से आग लगी हुई थी, जिससे आग की लपटें काफी ऊंची उठ रही थीं। यह मंजर देख सबकी सांसें अटक सी गई थीं।
कुछ ही मिनटों में एंबुलेंस की लगी कतारें
हादसे के तुरंत बाद ही बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया। मौके पर मौजूद लोगों और पुलिस की मदद से ई-रिक्शा व अन्य निजी वाहनों के जरिए एलएन अस्पताल पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो चुका था। वहीं, कुछ ही मिनटों में सड़कों पर एंबुलेंस की कतार लग गई। इस बीच पांच से सात मिनट के अंदर ही अस्पताल में घायलों को पहुंचाकर उनका इलाज शुरू कर दिया गया।
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वहीं, सड़कों पर केवल एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की सायरन बजाती गाड़ियां दौड़ती नजर आईं। कई घायल व्यक्तियों को स्ट्रेचर पर लादकर अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां तुरंत उपचार शुरू हो गया। घटनास्थल की पुलिस ने घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी, जो देर रात तक चलती रही।
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घटनास्थल पर ब्लास्ट की चपेट में आए कई वाहनों में भयानक आग लग गई। मौके पर पहुंची दमकल विभाग व एनडीआरएफ की टीमें वाहनों में लगी आग को बुझाने में जुट गईं। इस दौरान लगभग एक घंटे बाद वाहनों से उपटती लपटों पर काबू पाया जा सका। इस दौरान दूर-दूर तक वाहनों के शीशे और कलपुर्जे सड़कों पर फैले हुए थे।

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