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    दिल्ली में चार महीने बाद बढ़ा प्रदूषण, GRAP लगाने के साथ ही CAQM ने जारी किया 27 सूत्रीय एक्शन प्लान

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 11:29 PM (IST)

    दिल्ली में चार महीने बाद हवा की गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 201 दर्ज किया गया। मौसम में बदलाव और हवा की गति धीमी होने के कारण प्रदूषण बढ़ा है। विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को।

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    सीएक्यूएम ने जारी किया 27 सूत्रीय एक्शन प्लान।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मंगलवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता चार महीने दो दिन बाद ''खराब'' श्रेणी में पहुंची। इससे पहले 11 जून को एक्यूआई 245 दर्ज हुआ था। मंगलवार को 124 दिन बाद यह 211 रिकार्ड किया गया। पूरे मानसून के दौरान दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ''मध्यम'' व ''संतोषजनक'' श्रेणी में थी।

    केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के ''एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम'' ने अगले छह दिन हवा की गुणवत्ता ''खराब'' श्रेणी में ही रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। इसीलिए आयोग ने सीपीसीबी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीसीसीसी) एवं एनसीआर से संबंधित राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है।

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    GRAP के पहले चरण की पाबंदियां

    • कचरा जलाने (बायोमास बर्निंग) पर अभियान चलाकर कार्रवाई।
    • भोजनालयों, रेस्तरां और होटलों में कोयले और लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश।

    सीएक्यूएम द्वारा आम नागरिकों के लिए दिए गए निर्देश

    • अपनी कार, बाइक, स्कूटर इत्यादि वाहनों का इंजन ठीक रखें।
    • वाहनों के टायरों में उचित वायुदाब बनाकर रखें।
    • अपने वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) अपडेट रखें।
    • वाहन को लाल बत्ती पर बंद करके रखें।
    • खुली जगह में कूड़ा कचरा न फेंके।
    • वायु प्रदूषण फैलाने वाले गतिविधियों को 311 एप, ग्रीन दिल्ली एप व समीर एप के माध्यम से रिपोर्ट करें।

    27 सूत्रीय एक्शन प्लान के तहत निर्देश

    1. 500 वर्गमीटर और उससे बड़े भूखंडों में चल रहे उन परियोजनाओं के निर्माण कार्य व विध्वंस (ढहाने) पर रोक रहेगी, जो अब तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा सरकार के संबंधित पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं।
    2. निर्माणाधीन, भवनों को ढहाने के स्थल पर धूल व ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए उचित प्रबंध सुनिश्चित होना चाहिए।
    3. नगर निगम द्वारा नियमित रूप से कूड़ा, मलबा व खतरनाक कचरे को प्रतिदिन उठाया जाना चाहिए। साथ ही कूड़ा व मलबा खुली जगह पर अवैध रूप से नहीं गिराया जाना चाहिए।
    4. समय समय पर सड़कों मशीन से सफाई व पानी का छिड़काव होना चाहिए। सफाई के दौरान एकत्रित धूल को चिन्हित लैंडफिल साइड पर ही गिराया जाना चाहिए।
    5. निर्माण स्थलों का निर्माण सामग्री ढंक कर रखना होगा। निर्माण और विध्वंस के दौरान निकले मलबे को संयंत्र में रिसाइकिल किया जाना चाहिए।
    6. निर्माण स्थलों पर एंटी-स्माग गन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
    7. खुले में कूडा व जैविक कचरा जलाए जाने पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारी जुर्माना लगाया जाए।
    8. लैंडफिल साइटों पर आग जलने की कोई घटना न होने पाए इसके लिए कड़ी निगरानी रखनी होगी।
    9. जाम वाले चौराहों और चिन्हित सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात किए जाएं, ताकि ट्रैफिक जाम न होने पाए।
    10. पीयूसी मानकों को सख्ती से लागू किया जाए।
    11. अधिक धुआं फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ अधिकतम जुर्माना लगाना होगा और सख्त कार्रवाई करनी होगी।
    12. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत गैर जरूरी ट्रक दिल्ली एनसीआर में प्रवेश न करें।
    13. अवैध औद्योगिक इकाइयों और नियमों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।
    14. औद्योगिक इकाइयों में स्वीकृत ईंधन का ही इस्तेमाल सुनिश्चित करना होगा। इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
    15. ईंट भट्टों और उद्योगों में प्रदूषण की रोकथाम के सभी नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
    16. थर्मल पावर प्लांट में उत्सर्जन मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाएगा और उसका पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाए।
    17. यदि कहीं फ्लाई ऐश निकल रही है तो हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव होना चाहिए।
    18. पटाखों को लेकर अदालत के आदेशों को सख्ती से लागू करें।
    19. औद्योगिक और अनधिकृत क्षेत्रों से नियमित रूप से औद्योगिक कचरे काे उठाया जाना चाहिए।
    20. दिल्ली एनसीआर में बिजली वितरण कंपनियां बिजली कटौती कम करें।
    21. यह सुनिश्चित करना होगा कि नियमित बिजली आपूर्ति के लिए डीजल जनरेटर सेट का इस्तेमाल न होने पाए।
    22. इंटरनेट मीडिया, मोबाइल एप सहित सूचना प्रसार के अन्य माध्यमों का इस्तेमाल कर लोगों को प्रदूषण के स्तर की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा नियंत्रण कक्ष का नंबर और प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी जानी चाहिए।
    23. प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 311 एप, ग्रीन दिल्ली एप, समीर ऐप और इंटरनेट मीडिया से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करनी होगी।
    24. सड़क पर ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए कार्यालयों के कर्मचारियों को एकीकृत आवागमन के साधनों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
    25. सुनिश्चित करें कि डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में नहीं किया जाए।
    26. होटलों, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूरों में कोयले/जलाऊ लकड़ी पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करें।
    27. सुनिश्चित करें कि होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालय केवल बिजली/स्वच्छ ईंधन गैस आधारित उपकरणों का उपयोग करें।

    चार चरणों में बांटा गया है GRAP

    एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर ''ग्रैप'' को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण एक्यूआई 201 से 300 यानी खराब होने पर लागू किया जाता है। दूसरा चरण एक्यूआई 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआई 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण एक्यूआई 450 से अधिक (गंभीर से ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है। पहले चरण के तहत, अधिकारी प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।

    मंगलवार को प्रदूषण इन कारकों की रही हिस्सेदारी

    • वाहनों का उत्सर्जन 19.88 प्रतिशत
    • औद्योगिक इकाइयों का धुआं 4.16 प्रतिशत
    • कचरा जलाना 1.79 प्रतिशत
    • निर्माण कार्यों की धूल 2.61 प्रतिशत
    • घरेलू कारक 5.15 प्रतिशत
    • सड़कों की धूल 1.38 प्रतिशत
    • अन्य कारक 20.59 प्रतिशत

    नोट: शेष हिस्सेदारी एनसीआर के विभिन्न शहरों की है।

    स्रोत : डिसीजन सपोर्ट सिस्टम, आईआईटीएम पुणे

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