नाबालिग से दरिंदगी के दोषी को 20 साल की कैद, पीड़िता के गर्भवती होने पर कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख
दिल्ली में नाबालिग से दरिंदगी के दोषी को कोर्ट ने 20 साल की कैद की सजा सुनाई है। मामला पीड़िता के गर्भवती होने से जुड़ा था, जिसके बाद कोर्ट ने सख्त रु ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। द्वारका स्थित विशेष पोक्सो अदालत ने 16 वर्षीय नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न के एक गंभीर मामले में अपना फैसला सुनाते हुए अपराधी को कड़ी सजा दी है। एडिशनल सेशंस जज वैभव मेहता ने दोषी प्रदीप राय उर्फ मोनू को पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला डाबरी थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जिसमें अदालत ने दोषी पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालती कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि दोषी की इस घिनौनी हरकत के कारण नाबालिग बच्ची गर्भवती हो गई थी। सुनवाई के समय पीड़िता ने स्वयं कोर्ट में मौजूद रहकर दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग की और कहा कि उसके प्रति कोई भी नरम रुख नहीं अपनाया जाना चाहिए। वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि दोषी 40 वर्ष का है, उसके दो छोटे बच्चे हैं और पत्नी टीबी की बीमारी से जूझ रही है।
हालांकि, कोर्ट ने अपराध की गंभीरता और पीड़िता के शारीरिक व मानसिक आघात को देखते हुए इन दलीलों को खारिज कर दिया। सजा सुनाने के साथ ही अदालत ने पीड़िता को आर्थिक सहायता देने के लिए 15 लाख रुपये का कुल मुआवजा निर्धारित किया है।
इसमें से 2.62 लाख रुपये की राशि पहले ही दी जा चुकी है, जबकि शेष 12.38 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण को दिया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जुर्माना न भरने की स्थिति में दोषी को एक महीने की अतिरिक्त जेल काटनी होगी।

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