आरबीआई और कोर्ट के फर्जी पेपर्स से साइबर ठगी, एक करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी; महिला टेलीकॉलर समेत 10 गिरफ्तार
दिल्ली में आरबीआई और कोर्ट के फर्जी पेपर्स के इस्तेमाल से साइबर ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी हुई है। प ...और पढ़ें

पुलिस की गिरफ्त में इंश्योरेंस के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले हाई-टेक सिंडिकेट के सदस्य। जागरण
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। द्वारका जिला पुलिस ने साइबर वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले एक बड़े सक्रिय सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह इंश्योरेंस पॉलिसी की मैच्योरिटी और रुकी हुई किस्तों का झांसा देकर दर्जनों लोगों से अब तक 1 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है। पुलिस ने आरोपितों के विभिन्न बैंक खातों में जमा ठगी के 20 लाख रुपये से अधिक की राशि को फ्रीज करवा दिया है। पुलिस ने इस मामले में एक महिला और मास्टरमाइंड समेत कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
डीसीपी द्वारका अंकित सिंह के अनुसार, जिला पुलिस द्वारा साइबर पोर्टल (एनसीआरपी) के डेटा विश्लेषण के दौरान पंजाब एंड सिंध बैंक के एक संदिग्ध खाते में धोखाधड़ी की रकम आने की सूचना मिली थी। द्वारका साउथ थाना पुलिस टीम ने एसीपी किशोर रेवाला के निरीक्षण और इंस्पेक्टर राजेश शाह और इंस्पेक्टर राजीव मलिक के नेतृत्व में एक टीम ने सेक्टर-6 स्थित बैंक से 2 लाख नकदी निकालने पहुंचे निशांत चौहान को दबोच लिया।
पूछताछ में उसने बताया कि वह किशन नाम के व्यक्तियों के लिए कमीशन पर म्यूल अकाउंट उपलब्ध कराता था। इसके लिए ठगी के रकम का 10 प्रतिशन कमीशन उसे मिलता था। जब रकम बड़ी होती थी तो पंजाब का निवासी किशन का साथी साहिल बेरी उससे रुपये लेने आता है, जो गिरोह का मास्टर माइंड है।
टीम ने निशांत के माध्यम से साहिल को रुपये लेने आने के लिए कॉल करवाया और जैसे ही साहिल रुपये लेने सेक्टर 6 पहुंचा टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 7 मोबाइल मिले जिससे वह अपने हर शिकार से अलग-अलग बात करता था। पता चला वह पहले भी राजस्थान में 1.6 करोड़ रुपये की ठगी में शामिल रहा है और हाल में करीब एक करोड़ की ठगी कर चुका है। साथ ही पुलिस ने सागरपुर में चल रहे इनके अवैध कॉल सेंटर पर छापा मारा। यहां से किशन, दमन और टेलीकॉलर महिला नीरज, जो फर्जी नाम से लोगों से बात करती थी को गिरफ्तार कर लिया।
पता चला कि यह गैंग पीड़ितों को डराने या प्रभावित करने के लिए आरबीआई, दिल्ली हाई कोर्ट, आईआरडीए और एनसीपीआई के फर्जी लोगों और मोहरों वाले दस्तावेजों का उपयोग करता था। आरोपित इंश्योरेंस डेटा प्राप्त करके उसका उपयोग कर ग्राहकों को फोन करते थे और उन्हें फाइल चार्ज या एनओसी के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करते थे।
जांच में सामने आया कि हाल में इन्होंने उत्तराखंड के एक पीड़ित से 70 लाख रुपये की बड़ी रकम की ठगी की है। पुलिस ने इनके पास से वारदात में उपयोग 18 मोबाइल फोन, 4 हार्ड ड्राइव, 2 लैपटॉप, एक क्रेटा कार और भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज व रबर स्टैम्प बरामद किए हैं।
गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपितों की पहचान अजय बाजपेयी, विनय मल्होत्रा, सुमित गोस्वामी, बृजेश सैनी और निश्चय साहू के रूप में हुई है, जो बैंक खातों और कमीशन के खेल को मैनेज करते थे। पुलिस अब गिरोह के अन्य नेटवर्क के साथ ही डेटा लीक करने वाले स्रोतों की भी पहचान व तलाश कर रही है। साथ ही, पुलिस इनके द्वारा अब तक दिए वारदातों और ठगी के रुपयों का आकलन भी कर रही है।

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