'अटल जी ने तीन राज्य बनाए, उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आप भी...', अपने खून से लिखा PM Modi को पत्र
बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रक्त से पत्र लिखकर भेजा और चेतावनी दी कि मांग पूरी न होने पर आंदोलन करेंगे। ...और पढ़ें

बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान खून से लिखा पत्र। हरीश कुमार
जागराण संवाददाता, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रक्त से पत्र लिखकर भेजा है। साथ ही चेतावनी दी कि जल्द उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता तो वे बड़ा आंदोलन करने को विवश होंगे।
जंतर-मंतर पर राष्ट्रीय राज्य पुनर्गठन महाधरना का आयोजन किया गया, जहां छोटे राज्यों के पैरोकार जुटे और बुंदेलखंड के साथ ही पूर्वांचल, मिथिला, सीमाचंल-कोसी, महाकौशल, सौराष्ट्र-कच्छ समेत अन्य नए राज्यों के गठन पर जोर दिया। धरना प्रदर्शन में पूर्वांचल राज्य जनांदोलन, पश्चिम प्रदेश निर्माण संयुक्त व बुंदेलखंड उत्सव समिति के लोग भी शामिल रहे।
वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में उसे अति आवश्यक बताया। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के अध्यक्ष इंजीनियर प्रवीण पांडेय समेत अन्य समर्थकों ने प्रधानमंत्री को अपने रक्त से लिखा पत्र भेजा। प्रवीण पांडेय ने कहा कि वर्ष 2014 में झांसी की रैली में प्रधानमंत्री ने पृथक बुंदेलखंड का वादा किया था, हम उसकी याद दिलाने आए हैं।
आज अटल जी की जयंती पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए भाजपा को बताना चाहते हैं कि वाजपेयी जी ने मात्र छह वर्ष के कार्यकाल में तीन नए राज्यों का गठन किया था, जबकि लगातार तीसरी बार केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार है। बुंदेलखंड की धरती सदैव क्रांति की धरती रही है। पृथक राज्य हमारा अधिकार है इसको हम लेकर रहेंगे।
इस मौके पर पूर्वांचल राज्य जनांदोलन के अनुज राही हिंदुस्तानी व राजेश पांडेय ने कहा कि बड़े राज्यों के भीतर छोटे क्षेत्र हैं, जहां विकास नहीं है और पलायन ज्यादा है। इसके लिए व्यापक, वैज्ञानिकी आधार पर आधुनिक राष्ट्रीय राज्य पुर्नगठन की आवश्यकता है। जिससे क्षेत्रीय असमानता दूर होगी। रोजगार का विकेंद्रीकरण होगा। उद्योग क्षेत्र विकसित होंगे। पलायन रुकेगा।

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