मुठभेड़ में ढेर हुए बदमाशों के थे खौफनाक इरादे, बिहार चुनाव के लिए रची थी ये बड़ी साजिश
दिल्ली के रोहिणी में पुलिस मुठभेड़ में बिहार के कुख्यात गैंगस्टर रंजन पाठक समेत चार बदमाश मारे गए। 'सिग्मा एंड कंपनी' नामक यह गिरोह सीतामढ़ी में व्यापारियों सहित कई हत्याओं में शामिल था और बिहार में चुनाव के दौरान हिंसा फैलाने की साजिश रच रहा था। पुलिस कार्रवाई में सभी बदमाश ढेर हो गए, जिससे बिहार में अपराध पर लगाम लगने की उम्मीद है।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी में बुधवार देर रात मुठभेड़ में बिहार के कुख्यात गैंगस्टर रंजन पाठक समेत उसके गिरोह के चार बदमाशों को ढेर कर दिया गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से 45 गोलियां चलीं।
बिहार के सीतामढ़ी व उसके आसपास के जिलों में इस गिरोह का आतंक था। सीतामढ़ी में पिछले चार माह के दौरान यह गिरोह रंगदारी न देने व अन्य कारणों से व्यापारियों सहित पांच लोगों की हत्या कर चुका है। अब चुनाव के दौरान यह गिरोह बिहार में हिंसा फैलाने की साजिश रच रहा था, लेकिन उससे पहले सरगना रंजन पाठक गिरोह का सामना पुलिस से हो गया।
आतंक का पर्याय बने इस गिरोह ने अपना नाम सिग्मा एंड कंपनी रख रखा था। गिरोह जब भी कोई बड़ी वारदात को अंजाम देता था तो लोगों में दहशत पैदा करने के मकसद से तुरंत स्थानीय मीडिया को अपराध का विवरण भेजकर जिम्मेदारी लेता था। रंजन पाठक पर बिहार पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
मुठभेड़ में रंजन के अलावा बिमलेश महतो, मनीष पाठक और अमन ठाकुर मारे गए हैं। ये चारों सीतामढ़ी के रहने वाले हैं। रंजन पाठक पर आठ, बिमलेश महतो पर चार व अमन कुमार पर चार मामले दर्ज थे।
बिहार में चुनाव के कारण पुलिस की सख्ती बढ़ने पर अधिकतर इनामी बदमाश इन दिनों पड़ोसी देश नेपाल के अलावा दिल्ली, यूपी, पंजाब, बंगाल आदि राज्यों में छिप गए हैं। रंजन पाठक ने भी पहले नेपाल को अपना ठिकाना बना रखा था। वह वहीं से सीतामढ़ी व आसपास के जिलों में रंगदारी रैकेट चला रहा था। हाल के महीने में नेपाल में हिंसा हुई तो वह वहां से निकल गया। पिछले कुछ समय से वह साथी बदमाशों के साथ यूपी, पंजाब, दिल्ली घूम रहा था।
पुलिस का कहना है कि दस दिन से रंजन पाठक दिल्ली के विभिन्न इलाकों में अपने परिचितों के यहां रह रहा था। डीसीपी क्राइम ब्रांच संजीव कुमार यादव ने बताया कि कुछ दिन पहले बिहार के पुलिस महानिदेशक ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त सतीश गोलचा से बात कर सीतामढ़ी के बदमाशों के दिल्ली में पिछे होने की जानकारी साझा करते हुए मदद करने का अनुरोध किया था। बिहार पुलिस का कहना था कि ये गिरोह चुनाव में हिंसा फैलाने की साजिश रच रहा है।
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पुलिस आयुक्त ने क्राइम ब्रांच को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी। तीन दिन पहले इंस्पेक्टर मान सिंह को बिहार पुलिस ने एक मोबाइल नंबर दिया, जिससे सीतामढ़ी के एक व्यापारी को रंगदारी के लिए धमकी देने की काल की गई थी। उस नंबर को ट्रैक करने पर लोकेशन अलग अलग मिलती रही।
बुधवार देर रात गिरोह के बदमाशोें के बहादुुर शाह मार्ग पंचोली पार्क, रोहिणी में किसी से मिलने के लिए आने की सूचना मिली। मध्यरात्रि करीब 2.20 बजे पुलिस टीम ने एक सफेद रंग की बलेनो कार को रोकने के लिए इशारा किया। इस पर कार सवार चारों बदमाशों ने पुलिस टीम पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
वहीं, पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की। बदमाशों की तरफ से 20 और पुलिस की तरफ से 25 राउंड गोलियां चलीं। गोलियां लगने के बाद जब चारों को डा. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल पहुंचाया गया तो डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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