तो इसलिए IPL 2025 खेल रहे हैं एमएस धोनी, चोट की नहीं कर रहे परवाह, हजारों करोड़ का है मामला!
भारत के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाने वाले एमएस धोनी आज भी आईपीएल खेल रहे हैं। लेकिन धोनी को बीते कुछ सीजनों से घुटने की समस्या से जूझते हुए देखा गया है। धोनी ने साल 2023 आईपीएल के बाद घुटने की सर्जरी कराई थी। इस बार भी वह परेशान हैं। ऐसे में सवाल ये है कि वह चोट के बाद भी खेल क्यों रहे हैं?
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। एमएस धोनी को आप आईपीएल-2025 में खेलते हुए देख रहे हैं। आपने चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान एमएस धोनी को लखनऊ सुपरजायंट्स के खिलाफ लंबे-लंबे छक्के मारते हुए देखा। लेकिन इसी मैच में धोनी को लंगड़ाते हुए भी देखा होगा। शिवम दुबे के साथ रन लेते हुए उनके घुटने का दर्द उनके चेहरे पर दिख रहा था और मैच के बाद एक वीडियो भी आया जिसमें धोनी होटल में लंगड़ाते हुए जा रहे हैं। सवाल ये है कि धोनी जब पूरी तरह से फिट नहीं हैं और उनका घुटना तकलीफ दे रहा है तो वह खेल क्यों रहे हैं?
धोनी जब टीम इंडिया के कप्तान थे तब वह फिटनेस पर काफी जोर देते थे। चेन्नई की कप्तानी करते हुए भी धोनी का यही मानना था कि फिटनेस सबसे ऊपर है। फिर ऐसा क्या है जो धोनी खुद पूरी तरह से फिट नहीं होने के बाद तकलीफ में खेल रहे हैं। ये बता देना सही होगा कि धोनी लगातार घुटने की तकलीफ से जूझ रहे हैं। साल 2023 में चेन्नई को खिताब दिलाने के बाद धोनी ने अपने घुटने की सर्जरी कराई थी। इसके बाद वह पिछले साल भी वह घुटने की तकलीफ से परेशान दिखे और इस साल भी दिख रहे हैं।
यह भी पढ़ें- IPL 2025 के बाद इन धुरंधरों की टीम इंडिया में वापसी तय, एक तो कर रहा है सात साल से इंतजार!
क्यों खेल रहे हैं धोनी?
अब सवाल ये है कि धोनी जब तकलीफ में हैं और उनका घुटना परेशानी दे रहा है तो वह क्यों खेल रहे हैं। इसके पीछे आईपीएल की मार्केट को समझना होगा। सभी जानते हैं कि धोनी आज भी बहुत बड़े ब्रांड हैं। उनको साइन करने के लिए कंपनियां लाइन लगाती हैं। उनके रहने से ब्रांड वेल्यू भी बढ़ती है और ख्याति जो मिलती है वो अलग। धोनी की दीवानगी का आलम हर स्टेडियम में देखने को मिलता है।
आईपीएल में मार्केट वेल्यू, ब्रांड वेल्यू काफी मायने रखती है क्योंकि यही फ्रेंचाइजी को पैसा कमाकर देती हैं जिनके दम पर वह नीलामी में जमकर पैसा बहाते हैं और अपने खिलाड़ियों को सीजन के दौरान कई तरह की सुविधाएं देते हैं। चेन्नई में धोनी से बड़ा नाम न कोई था और न कोई है। ये बात टीम के मालिक भी जानते हैं और धोनी भी। अगर धोनी नहीं खेलते हैं तो फिर चेन्नई फ्रेंचाइजी की ब्रांड वेल्यू, मार्केट वेल्यू गिर सकती है और इससे टीम को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक चेन्नई की इस समय ब्रांड वेल्यू 122 मिलियन यानी तकरीबन 11 हजार करोड़ के लगभग है। अगर धोनी नहीं होते हैं तो फिर चेन्नई की ब्रांड वेल्यू पर भी असर पड़ेगा और उसके निवेश पर भी। धोनी के नाम अभी कंपनियां चेन्नई में निवेश भी कर देती हैं, लेकिन अगर वह नहीं होते हैं तो संभवतः उतना निवेश नहीं आएगा जितना इस समय आ रहा है।
कभी तो करना होगा अंत?
हालांकि, चेन्नई को इस बात का ध्यान रखना होगा कि धोनी हमेशा नहीं रहेंगे और उसे 43 साल के धोनी के रिप्लेसमेंट के तौर पर ऐसे खिलाड़ी को लाना होगा जिसकी मार्केट वेल्यू, ब्रांड वेल्यू अच्छी खासी हो और वो धोनी की विरासत को कायम रख सके। धोनी कब संन्यास लेंगे ये बात उनके सिवाए कोई नहीं जानता। लेकिन अगर धोनी इस सीजन के बाद संन्यास भी ले लें तो कोई हैरानी नहीं होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।