'मैं होता तो ऐसा नहीं करता', रोहित शर्मा को लेकर रवि शास्त्री ने साधा गौतम गंभीर पर निशाना!
भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री अगर आस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर भारत के कोच होते तो वह कप्तान रोहित शर्मा को खराब फार्म के बावजूद सिडनी में आखिरी टेस्ट से बाहर नहीं रहने देते। रोहित निजी कारणों से बार्डर गावस्कर ट्राफी के पहले टेस्ट से बाहर रहे और आखिरी टेस्ट में भी खराब फार्म के कारण उन्होंने बाहर रहने का फैसला किया।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी रोहित शर्मा ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने सात मई को एक पोस्ट लिखकर बताया है कि वह अब खेल के लंबे प्रारूप में नहीं खेलेंगे। रोहित ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मेलबर्न में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था। सिडनी में खेले गए सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में वह टीम का हिस्सा नहीं थे। अब उनके संन्यास को लेकर पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने बड़ी बात कही है और अप्रत्यक्ष तरीके से मौजूदा कोच गौतम गंभीर को निशाना बनाया है।
रोहित की जगह सिडनी टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह ने कप्तानी की थी। ये मैच सीरीज ड्रॉ कराने के लिहाज से अहम था। अगर टीम इंडिया इस मैच को जीत जाती तो सीरीज 2-2 से ड्रॉ हो जाती और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भारत के पास ही रहती।
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'मैं नहीं करता ऐसा'
शास्त्री ने कहा कि उन्होंने रोहित से टेस्ट संन्यास को लेकर बात की और कहा कि अगर वह टीम के हेड कोच होते तो सिडनी टेस्ट में रोहित को बाहर नहीं बैठने देते। शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू शो में कहा, "आईपीएल मैचों के दौरान मैंने रोहित को कई बार देखा। टॉस के के समय आपको ज्यादा समय बात करने का नहीं मिलता है। एक मैच के दौरान, शायद मुंबई में, मैंने उनसे कहा कि अगर मैं कोच होता तो आप वह आखिरी टेस्ट मैच खेलते।"
उन्होंने कहा, "क्योंकि सीरीज खत्म नहीं हुई थी और मैं उनमें से नहीं हूं जो स्कोरलाइन 2-1 होने पर बीच में ही हार मान ले। अगर आपका दिमाग आपसे कहता है कि आप नहीं हारे तो आप नहीं हारे हो। ऐसे मौके पर आप टीम को नहीं छोड़ते हो।"
शास्त्री ने बताया कारण
शास्त्री ने रोहित को सिडनी टेस्ट मैच में खिलाने का कारण भी बताया। उन्होंने कहा, "वो 30-40 रनों का मैच था और मैंने यही उनसे कहा। सिडनी की पिच अच्छी थी। वह जिस भी तरह की फॉर्म में हो, वह मैच विनर हैं। अगर वह स्थिति को समझते, परिस्थितियों को भांपते और ऊपर आकर 35-40 रन बना देते। हो सकता है कि सीरीज बराबरी पर होती। लेकिन हर किसी की अलग स्टाइल है।"
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