मनमानी, नाफरमानी या फिर उसूल, अनूठा है ईडन गार्डेंस के क्यूरेटरों का 'पिच प्रेम'; धोनी-रहाणे में से किसी की नहीं चली
ईडन गार्डेंस के क्यूरेटर सुजन मुखर्जी के अजिंक्य रहाणे के मनमाफिक पिच तैयार करके नहीं देने का मामला गरमाया हुआ है। आईपीएल के नियमों के अनुसार फ्रेंचाइजी पिच को लेकर कुछ नहीं कह सकते। 2012 में भी ईडन गार्डेंस में इसी तरह का वाकया हुआ था। मौजूदा आईपीएल में पिच को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

विशाल श्रेष्ठ, जागरण, कोलकाता। इसे मनमानी कहे, नाफरमानी या फिर उसूल, ईडन गार्डेंस स्टेडियम के क्यूरेटरों का 'पिच प्रेम' सबसे अनूठा है। पिच को लेकर उन्होंने कभी 'समझौता' नहीं किया, फिर चाहे महेंद्र सिंह धोनी रहे हों या अजिंक्य रहाणे।
ईडन गार्डेंस के क्यूरेटर सुजन मुखर्जी के रहाणे के मनमाफिक पिच तैयार करके नहीं देने का मामला गरमाया हुआ है। घरेलू टीम कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के कप्तान रहाणे वरुण चक्रवर्ती व सुनील नरेन को देखते हुए स्पिनरों के अनुकूल पिच चाहते थे, जबकि सुजन ने साफ कह दिया था कि वे बीसीसीआई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक पिच तैयार करते हैं।
आईपीएल के नियमों के अनुसार फ्रेंचाइजी पिच को लेकर कुछ नहीं कह सकते। यह विवाद उस वक्त और गरमा गया, जब कमेंटेटर हर्षा भोगले व साइमन डुल ने कह दिया कि ईडन गार्डेंस के क्यूरेटर अगर घरेलू टीम की जरुरतों के हिसाब से पिच तैयार करने में सहयोग नहीं कर रहे तो केकेआर को अपना घरेलू मैदान बदल लेना चाहिए।
फंस गए हर्षा और डुल
बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने साइमन-भोगले के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बीसीसीआई से ईडन गार्डेंस में होने वाले आईपीएल के शेष मैचों में दोनों के कमेंट्री करने पर रोक लगाने की अपील की है।
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जब धोनी को प्रबीर ने कर दिया था मना
2012 में भी ईडन गार्डेंस में इसी तरह का वाकया हुआ था। भारतीय टीम के तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट मैच के लिए तब के क्यूरेटर प्रबीर मुखर्जी से स्पिनरों के अनुकूल पिच तैयार करने को कहा था।
प्रबीर ने इसे 'अनैतिक' व 'तर्कहीन' बताते हुए साफ मना कर दिया था। मामला इतना गरमाया कि बीसीसीआई ने प्रबीर को 'दरकिनार' कर ईस्ट जोन के क्यूरेटर आशीष भौमिक को पिच का दायित्व सौंप दिया था। प्रबीर ने भी नाराज होकर कार्य-मुक्त होने की बात कह दी थी।
ईडन का बॉस
कैब के तत्कालीन अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने हस्तक्षेप कर मामला सुलझाया था। धोनी ने उस वक्त 84 वर्ष के प्रबीर को 'ईडन का बास' करार दिया था। 2013 में प्रबीर ने वेस्टइंडीज के विरुद्ध टेस्ट मैच से पहले रोहित शर्मा को पिच का मुआयना करने से रोक दिया था।
उन्होंने कहा था कि आईसीसी के नियमों के अनुसार सिर्फ टीमों के कप्तान व कोच पिच का जायजा ले सकते हैं। इसी तरह वे कमेंट्री कर रहे पूर्व अंग्रेज कप्तान माइक अथर्टन को भी पिच के पास जाने से रोक चुके हैं।
कैब के एक अधिकारी ने कहा कि क्रिकेट भले हर गुजरते दिन के साथ नया रूप धारण कर रहा हो, लेकिन ईडन गार्डेंस के क्यूरेटर इसके पारंपरिक मूल्यों व नियमों में विश्वास करते आए हैं। वे अच्छी पिच तैयार करने में अपनी जान लगा देते हैं और उन्हें अपनी संतान की तरह प्यार व देखभाल करते हैं।
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