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WC 2023: Anti-Dew Spray का कैसे होता है उपयोग? USA हॉल ऑफ फेम में शामिल एकमात्र भारतीय पिच क्यूरेटर से जानिए

यूं तो एंटी-ड्यू स्प्रे का इस्तेमाल 2006 से किया जा रहा है लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं आधुनिक क्रिकेट में इसका महत्व बढ़ता जा रहा है। गुजराती जागरण ने भारत के पूर्व क्रिकेटर और 3 दशक से अधिक समय तक बीसीसीआई के पिच क्यूरेटर रहे धीरज परसाना से बात की यह जानने के लिए कि एंटी-ड्यू स्प्रे का उपयोग कैसे किया जाता है इसकी प्रक्रिया क्या है।

By Jagran NewsEdited By: Umesh KumarPublished: Wed, 04 Oct 2023 01:18 PM (IST)Updated: Wed, 04 Oct 2023 01:18 PM (IST)
WC 2023: Anti-Dew Spray का कैसे होता है उपयोग? USA हॉल ऑफ फेम में शामिल एकमात्र भारतीय पिच क्यूरेटर से जानिए
Anti-Dew Spray के बारे में धीरज परसाना से खास बातचीत।

मनन वाया, जामनगर। Anti-Dew Spray in Cricket: पिछले कुछ सालों से सीमित ओवरों के क्रिकेट में ओस का सीधा असर मैचों के नतीजे पर पड़ रहा है। यही कारण है कि ज्यादातर कप्तान टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हैं और यही कारण है कि - ज्यादातर मैचों में दर्शक यह मानने लगे हैं कि अब क्रिकेट में टॉस जीतो- मैच जीतने का फॉर्मूला काम करता है। ओस का प्रभाव कम करने लिए कल से शुरू हो रहे विश्व कप में एंटी-ड्यू स्प्रे (Anti Dew Spray) का इस्तेमाल किया जाएगा।

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आगे का अंश बीसीसीआई के पिच क्यूरेटर रहे धीरज परसाना के साथ हुई बातचीत पर आधारित है:-

एंटी-ड्यू स्प्रे के प्रयोग की शुरूआत

जहां तक ​​मुझे याद है, पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने 2006 में किसी बड़े टूर्नामेंट में एंटी-ड्यू स्प्रे का इस्तेमाल किया था। ऐसा पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच मोहाली में हुए मैच में किया गया था। आगे बात करने से पहले यह समझ लेते हैं कि एंटी-ड्यू स्प्रे का इस्तेमाल क्यों किया जाता है। ओस के कारण गेंद तेजी से ट्रावेल करती है। बल्ले पर भी गेंद अच्छे से आती है। इससे दूसरी गेंदबाजी करने वाली टीम के लिए गेंद को पकड़ना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मैच एक तरफा हो जाता है। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम को इतना बड़ा फायदा मिलने से रोकने के लिए पहली बार एंटी-ड्यू स्प्रे का इस्तेमाल किया गया।

स्प्रे का उपयोग कैसे किया जाता है?

फिलहाल वर्ल्ड कप के दौरान दूसरा हाफ सर्दियों जैसा रहेगा। ऐसे वातावरण में ओस भी बहुत होता है। एंटी-ओस स्प्रे का उपयोग करने का सही तरीका मैच से दो दिन पहले घास को 10 से 12 मिमी तक काटना है। फिर मैच की सुबह हम इसे मोपिंग के जरिये ग्राउंड में डालते देते है। यहां यह समझना जरूरी है कि ओस आसमान से भी आ सकता है और जमीन से भी। इस स्प्रे का छिड़काव करने से इसमें मौजूद चिपचिपापन घास से चिपक जाता हैं और जब ओस आती है तो घास से फिसलकर फिर से नीचे चली जाती है। इसीलिए ओस के प्रभाव को कम करने के लिए एंटी-ड्यू स्प्रे का उपयोग लाभकारी है।

मोटेरा की एक पिच में मुंबई और ओडिशा की मिट्टी का इस्तेमाल किया गया, उससे क्या होगा?

मैं फिलहाल यूएसए में हूं और पिछले कुछ समय में अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम (मोटेरा) नहीं गया हूं, लेकिन मुंबई में लाल मिट्टी है और ओडिशा में काली मिट्टी है। पूर्वी राज्यों (जैसे यहां ओडिशा) में क्ले कॉटन सिल्ट का कंटेंट ज्यादा होता है। फिर यह क्यूरेटर पर निर्भर करता है कि वे इसे मैच के लिए तैयार होने में कितना समय देते हैं, या कितनी जल्दी इसका उपयोग करते हैं। मुंबई और ओडिशा की मिट्टी को मिलाकर बनाए गए इस विकेट में 75% लाल मिट्टी और 25% काली मिट्टी है। मुझे लगता है कि अहमदाबाद के मैचों में औसत अनुमानित स्कोर 280 से 290 रन होगा।

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यूएसए हॉल ऑफ फेम संग्रहालय में शामिल

विशेष रूप से, धीरज परसाना को हाल ही में यूएसए हॉल ऑफ फेम संग्रहालय में शामिल किया गया था। उन्हें 3 दशकों से अधिक समय तक अंतर्राष्ट्रीय पिच क्यूरेटर के रूप में कार्य करने के अलावा लगभग हर क्रिकेट देश में पिच बनाने का श्रेय दिया गया। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह भारत के पहले पिच क्यूरेटर हैं।

धीरज परसाना अधिक पिच क्यूरेटर को प्रशिक्षित करना चाहते हैं

मेरे पास आज जो कुछ भी है, क्रिकेट की वजह से है। मैं इस खेल को कुछ वापस देना चाहता हूं। इसलिए मैंने फैसला किया है, अगर किसी को पिच क्यूरेशन के बारे में सीखने या पिच क्यूरेटर बनने में दिलचस्पी है, तो मैं निःशुल्क उनकी मदद करूंगा।

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