कौन हैं Amol Muzumdar? नहीं खेला भारत के लिए एक भी मैच, अब वर्ल्ड कप जीतने से केवल एक कदम दूर
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के हेड कोच अमोल मजूमदार घरेलू क्रिकेट में एक बड़ा नाम रहे हैं, लेकिन उन्हें कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला। मजूमदार ने अपनी लीडरशिप के जरिये भारतीय महिला टीम को वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा दिया है। अमोल मजूमदार और भारतीय महिला टीम वनडे वर्ल्ड कप खिताब से केवल एक कदम दूर हैं।

जेमिमा रोड्रिग्ज और अमोल मजूमदार
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने गुरुवार को सेमीफाइनल में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से मात देकर निर्णायक मुकाबले में जगह पक्की की।
भारतीय टीम का फाइनल में सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा, जिसने पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 125 रन से मात दी थी। भारत ने जेमिमा रोड्रिग्ज (127*) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (89) की दमदार पारियों के दम पर अपने वनडे इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज करते हुए फाइनल में कदम रखा।
भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मैच के बाद अपनी सफलता का श्रेय हेड कोच अमोल मजूमदार को दिया। मजूमदार के मार्गदर्शन में भारतीय महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन किया और अब वो खिताब से केवल एक कदम दूर है।
मजूमदार की नियुक्ति पर बवाल
बता दें कि मजूमदार ने अक्टूबर 2023 में हेड कोच पद की जिम्मेदारी संभाली थी। तब भारतीय महिला टीम सही दिशा में आगे बढ़ने की खोज कर रही थी। इससे पहले कोचिंग पद ने अस्थिरता देखी और चयन व लीडरशिप पर सवाल खड़े हुए। 
मजूमदार की नियुक्ति पर भी बवाल हुआ क्योंकि उन्होंने कभी भारत के लिए नहीं खेला। कुछ लोगों के लिए मजूमदार पर संदेह करने के लिए यह पर्याप्त कारण था।
हालांकि, मजूमदार का करियर कभी जगमगाहट भरा नहीं रहा। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दो दशक से ज्यादा समय बिताया। 11,000 से ज्यादा रन बनाए और मुंबई के सबसे निरंतर व सम्मानजनक बल्लेबाजों में से एक बने।
मजूमदार की अलग सोच
मजूमदार ने भारतीय क्रिकेट के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों से खेल की बारीकी सीखी और फिर अपना अनुभव भारत की जूनियर टीमों के साथ साझा किया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और नीदरलैंड्स की जूनियर टीमों को कोचिंग दी। अमोल मजूमदार की फैन फॉलोइंग ज्यादा नहीं रही, लेकिन उनका नजरिया एकदम स्पष्ट है- चुपचाप और स्थिरता से विश्वास का निर्माण करें।
अमोल मजूमदार को अच्छी तरह पता है कि बिना किसी पहचान या सम्मान के बावजूद कड़ी मेहनत के क्या मायने हैं। शायद यही वजह है कि उनकी सोच दबदबा बनाने के बजाय परिणाम दिखाने पर है। वैसे, उनके विश्वास का मौजूदा वर्ल्ड कप में परीक्षण हुआ।
टीम पर नहीं बनाया दबाव
भारत को ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड से ग्रुप चरण में शिकस्त मिली। तब टीम आलोचनाओं से घिर गई। टीम चयन पर सवाल खड़े हुए और कई लोग संदेह करने लगे कि शांत रहने वाले कोच मजूमदार टीम की नैया पार लगा पाएंगे या नहीं। हालांकि, ड्रेसिंग रूम में किसी खिलाड़ी पर कोई दबाव नहीं था। मजूमदार का स्वभाव शांत ही रहा।
अमोल मजूमदार पर टीम को विश्वास
भारत की ऑस्ट्रेलिया पर जीत के बाद अमोल मजूमदार ने कहा, 'ड्रेसिंग रूम में कोई बड़ा संदेश नहीं दिया गया। हम हमेशा एक-दूसरे से कहते हैं कि हमें अच्छी तरह मैच खत्म करने की जरुरत है। हम आमतौर पर अच्छी शुरुआत करते रहे, लेकिन मैच फिनिश करने वाले क्षेत्र में सुधार की जरुरत थी। आज हमने वो करके दिखाया।'
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कोच पर विश्वास जताते हुए कहा, 'ड्रेसिंग रूम में हम सभी को कोच अमोल मजूमदार पर पूरा भरोसा है। वो जो भी कहते हैं, दिल से कहते हैं। अगर वो सख्त होते हैं तो भी अच्छे के लिए होते हैं।' यह अमोल मजूमदार की काबिलियत को दर्शाता है। भले ही उन्हें खिलाड़ी के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला, लेकिन अब वो खिताब से केवल एक कदम दूर हैं।
अमोल मजूमदार का करियर
अमोल मजूमदार ने 171 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें 11,167 रन बनाए। उन्होंने 30 शतक और 60 अर्धशतक जमाएं। वहीं, लिस्ट ए में मजूमदार ने 113 मैचों में तीन शतक और 26 अर्धशतकों की मदद से 3286 रन बनाए। उन्होंने 14 टी20 मैचों में एक अर्धशतक की मदद से 174 रन बनाए।

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