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    Concussion Substitute: कन्कशन स्थानापन्न नियम कितना सही और कितना गलत? पढ़िए सबकुछ यहां

    Updated: Mon, 03 Feb 2025 02:05 PM (IST)

    What is Concussion Substitute भारत ने इंग्लैंड के विरुद्ध पुणे में हुए चौथे टी-20 मैच में शिवम दुबे के कन्कशन स्थानापन्न के रूप में हर्षित राणा को खिलाया जिसके बाद से इंटरनेट मीडिया पर पूर्व क्रिकेटरों से लेकर क्रिकेट एक्सपर्टों तक यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने सर्वप्रथम मैच के दौरान इसका विरोध किया था।

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    Concussion Substitute: कन्कशन स्थानापन्न नियम कितना सही और कितना गलत?

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। What is Concussion Substitute: भारत ने इंग्लैंड के विरुद्ध पुणे में हुए चौथे टी-20 मैच में शिवम दुबे के कन्कशन स्थानापन्न के रूप में हर्षित राणा को खिलाया, जिसके बाद से इंटरनेट मीडिया पर पूर्व क्रिकेटरों से लेकर क्रिकेट एक्सपर्टों तक यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने सर्वप्रथम मैच के दौरान इसका विरोध किया था।

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    इसके बाद उनके समर्थन में पूर्व इंग्लिश खिलाड़ी केविन पीटरसन और माइकल वान भी आ गए थे। हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले पूर्व भारतीय आलराउंडर रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) ने भी इसे पूरी तरह से क्रिकेट संबंधित गलत आकलन करार दिया।

    Sunil Gavaskar ने कन्कशन स्थानापन्न नियम पर क्या कहा?

    पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने तो इस नियम (Concussion Substitute) को ही अयोग्ता को पुरस्कृत करने वाला बता दिया था। मुंबई में हुए पांचवें टी-20 मुकाबले में भी केविन पीटरसन ने मैच के बाद भारतीय मुख्य कोच गंभीर से पूछा क्या शिवम का कन्कशन स्थानापन्न एक जैसा था, इस पर गंभीर ने हंसते हुए कहा हां आज अगर इंग्लैंड पूरा ओवर खेलती तो वह जरूर चार ओवर गेंदबाजी करते।

    2019 में आइसीसी ने लागू किया था यह नियम इस बहस के पीछे के संदर्भ को समझने के लिए, यह जानना जरूरी है कि आईसीसी ने कब और क्यों कन्कशन स्थानापन्न नियम की शुरुआत की। यह नियम सिर या गर्दन की चोटों से पीडि़त खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मैच में बिना किसी अनुचित लाभ के समान स्थानापन्न का अवसर दिया जा सके।

    आईसीसी ने सर्वप्रथम एक अगस्त 2019 को इस नियम को सभी अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों में लागू किया था, जिसमें टी-20 और प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी शामिल हैं। यह है कन्कशन का इतिहासमैच के दौरान जब गेंद अचानक सिर में लगती है और मस्तिष्क प्रभावित हो जाता है, उसे कन्कशन कहते हैं। कन्कशन स्थानापन्न की शुरुआत आइसीसी के बल्ले और गेंद के बीच खेल को संतुलित करने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा थी।

    गेंदबाजों को एक ओवर में दो बाउंसर इस्तेमाल करने की अनुमति देने वाले नियमों के साथ, आईसीसी ने खिलाड़ियों के कल्याण की रक्षा के लिए एक नियम पेश किया। इसका प्रमुख कारण आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप ह्यूज की दुखद मौत भी रहा, जो शेरिफ शील्ड (ऑस्ट्रेलियाई प्रथम श्रेणी घरेलू टूर्नामेंट) मैच के दौरान गर्दन पर बाउंसर लगने से घातक रूप से घायल हो गए थे।

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    यह है आईसीसी का कन्कशन स्थानापन्न नियमआइसीसी के नियम के अनुसार कन्कशन स्थापन्न का विकल्प कोई टीम तब ले सकती है जब किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान गेंद सिर में लग जाए। हालांकि, टीम के डाक्टर जांच के बाद इसी सलाह देते हैं और रेफरी से विकल्प की जानकारी देते हैं।

    रेफरी की अनुमति इसके लिए आवश्यक है। हालांकि, रेफरी को यह भी ध्यान में रखना होता है कि अब बचे हुए मैच में चोटिल खिलाड़ी का योगदान क्या होने वाला है। रमनदीप थे इसलिए और मचा बवालभारत ने इससे पहले रवींद्र जडेजा के विकल्प के रूप में युजवेंद्र चहल को 2021 में पहली बार बतौर कन्कशन स्थानापन्न उतारा था। हालांकि, तब यह बड़ा मुद्दा नहीं बना था इसके बावजूद की चहल उस मैच में तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर प्लेयर आफ द मैच बने थे।

    यह मामला तूल इसलिए पकड़ा क्योंकि यहां विकल्प में रमनदीप मौजूद थे, परंतु इसके बावजूद भारत ने तेज गेंदबाज हर्षित राणा को बतौर स्थानापन्न उतारा गया। हर्षित जहां निरंतर 140+ किमी प्रति घंटा से गेंदबाजी करते हैं, शिवम दुबे की अधिकतर गेंद 120+ किमी प्रति घंटा वाली ही होती हैं।