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    सचिन तेंदुलकर को देख झूम उठे विनोद कांबली, दिवंगत कोच रमाकांत आचरेकर के कारण‍ मिले दो दोस्‍त, देखें भावुक करने वाला VIDEO

    Updated: Tue, 03 Dec 2024 11:40 PM (IST)

    सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली बचपन से एक साथ खेले हैं और दोनों ने कई रिकॉर्ड्स भी बनाए हैं। स्कूल क्रिकेट के बाद दोनों टीम इंडिया के लिए एक साथ खेलते नजर आए। हालांकि कांबली का करियर ज्यादा नहीं चला। वहीं सचिन सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। इस समय कांबली की हालत खराब है और ऐसे में सचिन उनका हाल-चाल लेने से खुद को रोक नहीं पाए।

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    सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की भावुक करने वाली मुलाकात

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली की दोस्ता काफी पुरानी है। ये दोनों बचपन से एक साथ खेले हैं। टीम इंडिया में दोनों एक साथ खेले। इन दोनों ने बचपन में 664 रनों की साझेदारी कर रिकॉर्ड बनाया था जिसकी चर्चा आज तक होती है। हालांकि, हाल के समय में दोनों काफी दूर हो गए हैं। बहुत ही कम दोनों का मिलना होता है, लेकिन अपने कोच रमाकांत आचरेकर के कारण ये दोनों एक बार फिर मिले और ऐसे मिले की इनकी मुलाकात का वीडियो किसी को भी भावुक कर दे।

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    दोनों के बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर अब इस दुनिया में नहीं हैं। काफी पहले उनका देहांत हो चुका है। शिवाजी पार्क, दादर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस मौके पर सचिन, कांबली, पारस माह्म्ब्रे, प्रवीण आमरे, संजय बांगर जैसे खिलाड़ी मौजूद रहे। ये सभी आचरेकर के शिष्य रहे हैं।

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    कांबली से मिले सचिन

    सचिन जब इस कार्यक्रम के लिए पहुंचे तो वहां कांबली पहले से थे। वह एक कोने पर बैठे थे। कांबली की हालत ठीक नहीं लग रही थी। कुछ दिनों पहले उनकी लड़खड़ती हुई वीडियो सामने आई थी। कांबली को देख सचिन का दिल पसीजा और वह उनके पास मिलने पहुंचे। पहले तो कांबली, सचिन को पहचान नहीं पाए लेकिन जैसे ही पहचाना उनकी आंखों में चमक आ गई। सचिन भी अपने बचपन के दोस्त से काफी खुश नजर आ रहे थे। सचिन को देख कांबली अपनी सीट से उठना चाह रहे थे लेकिन उनकी हालत ऐसी नहीं थी कि वह अपने यार को गले लगा सकें।

    हालांकि, कांबली के पास बैठे एक शख्स ने उन्हें संभाला और सीट पर ही बिठाए रखा। इस दौरान कांबली और सचिन ने कुछ देर बात की और फिर सचिन अपनी जगह चले गए।

    दोनों कमाल क्रिकेटर

    सचिन ने जहां 1989 में टीम इंडिया में जगह बना ली थी। वहीं कांबली ने 1991 पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। कांबली को सचिन से ज्यादा प्रतिभाशाली माना जाता था लेकिन समय के बाद उनका फॉर्म गिरा और वह टीम से बाहर चले गए। वह बार-बार अंदर-बाहर होते रहे। लेकिन सचिन का करियर परवान चढ़ता रहा। टीम इंडिया के लिए आखिरी मैच 2005 में खेलने के बाद कांबली ने साल 2009 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। भारत के लिए कांबली ने 17 टेस्ट मैच खेले और 54.20 की औसत से 1084 रन बनाए। उन्होंने चार शतक और तीन अर्धशतक लगाए।

    कांबली ने भारत के लिए 104 वनडे मैच खेले जिनमें 32.59 की औसत से 2477 रन बनाए। इस फॉर्मेट में उन्होंने दो शतक और 14 अर्धशतक भी लगाए।

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