रोहन जेटली को BCCI में मिलने वाली है बड़ी जिम्मेदारी! SGM में होगा फैसला
जय शाह के आईसीसी में जाने के बाद असम क्रिकेट संघ के देवजीत सैकिया ने बीसीसीआई में उनका स्थान लिया और संयुक्त सचिव से सचिव की जिम्मेदारी संभाली। अब भारतीय बोर्ड उनकी जगह संयुक्त सचिव की खोज कर रहा है और इस रेस में डीडीसीए के अध्यक्ष रोहन जेटली का नाम सबसे आगे चल रहा है। हालांकि उन्हें दो और लोगों से टक्कर मिल रही है।

नई दिल्ली, जेएनएन: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने देवजीत सैकिया के सचिव चुने जाने के बाद उनके स्थान पर नए संयुक्त सचिव की नियुक्ति के लिए एक मार्च को मुंबई में विशेष आम बैठक (एसजीएम) बुलाई है।
इस पद के लिए बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के पूर्व अध्यक्ष अभिषेक डालमिया (पूर्वी क्षेत्र), दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के प्रमुख रोहन जेटली (उत्तर क्षेत्र) और मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के संजय नाइक (पश्चिम क्षेत्र) के नाम चर्चा में हैं।
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रोहन हैं सबसे आगे
इस दौड़ में सबसे आगे रोहन का नाम है। असम क्रिकेट संघ (एसीए) के सैकिया ने पिछले महीने सचिव पद पर जय शाह का स्थान लिया था। शाह ने एक दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष का पद संभाला था। बीसीसीआई ने राज्य संघों को एसजीएम के लिए जो नोटिस भेजा है उसने एकमात्र एजेंडा संयुक्त सचिव की नियुक्ति है।
बीसीसीआई की तरफ से कहा गया, 'बोर्ड की एक विशेष आम बैठक (जिसे इसके बाद एसजीएम कहा जाएगा) के लिए नोटिस दिया जाता है, जो बीसीसीआइ के संयुक्त सचिव के चुनाव और नियुक्ति के लिए एक मार्च, 2025 को दोपहर 12:00 बजे मुंबई में बीसीसीआइ मुख्यालय में आयोजित की जाएगी।'
पहले भी रेस में था नाम
जय शाह को जब आईसीसी का चेयरमैन चुन लिया गया था उसके बाद रोहन जेटली का नाम उनका स्थान लेने की रेस में भी था, लेकिन वह फिर पीछे हो गए। हालांकि, अब बीसीसीआई में उनके जाने का रास्ता खुलता दिख रहा है। रोहन डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता अरुण जेटली के बेटे हैं। वह बीते दो बार से डीडीसीए के अध्यक्ष चुने जा रहे हैं।
रोहन उस बार तो पीछे रह गए थे, लेकिन इस बार उनकी बीसीसीआई में एंट्री पक्की मानी जा रही है। रोहन के बाद क्रिकेट प्रशासक के तौर पर अच्छा अनुभव है। अगर वह संयुक्त सचिव चुने जाते हैं तो उनका बोर्ड में आगे जाने का रास्ता भी खुल जाएगा। संयुक्त सचिव के तौर पर काम करने से उन्हें बीसीसीआई के कामकाज की मालूमात होगी जो उन्हें बीसीसीआई ने अपने पर जमाने और बड़ा पद हासिल करने में मदद करेगी।

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