चेक बाउंस मामले में क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को जारी समन रद, मिली राहत
मुंबई के सत्र न्यायालय ने चेक बाउंस मामले में रॉबिन उथप्पा के खिलाफ समन रद कर दिया। न्यायालय ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सीआरपीसी के तहत अनिवार्य जांच नहीं की थी। उथप्पा ने मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमें सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच की कमी का हवाला दिया गया था।

पीटीआई, मुंबई: चेक बाउंस मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ जारी समन को मुंबई के एक सत्र न्यायालय ने रद कर दिया। न्यायालय ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अपना आदेश पारित करने से पहले सीआरपीसी के तहत अनिवार्य जांच नहीं की।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुणाल धनजी जाधव ने पिछले महीने एक फैसले में मामले को सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच करने के निर्देश के साथ ट्रायल कोर्ट को वापस भेज दिया।
उथप्पा ने लगाई थी याचिका
उथप्पा ने अधिवक्ता सिद्धेश बोरकर के माध्यम से, महानगर मजिस्ट्रेट (मजगांव) द्वारा सात जून, 2019 को पारित आदेश के विरुद्ध सत्र न्यायालय में एक पुनरीक्षण आवेदन दायर किया था। 2019 में एक प्राइवेट फर्म, सीनियर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने मुंबई की एक मजिस्ट्रेट न्यायालय में एक अन्य कंपनी सेंटारस लाइफस्टाइल और उसके निदेशकों के खिलाफ चेक बाउंस का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।
उथप्पा का नाम शामिल
शिकायत में रॉबिन उथप्पा का भी नाम शामिल है। क्रिकेटर ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में कहा कि वह बेंगलुरु के निवासी हैं, जो कोर्ट के स्थानीय अधिकार क्षेत्र से बाहर है और कहा कि मजिस्ट्रेट ने प्रक्रिया जारी करने से पहले सीआरपीसी की धारा 202 के तहत अनिवार्य जांच करने में विफल रहे।
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