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    Ranji Trophy: मुंबई के लिए 'आउट ऑफ सिलेबस' बनकर आए Parth Rekhade, रहाणे-सूर्या को आउट करने वाले के बारे में जानें सबकुछ

    मुंबई की टीम अपने एक और रणजी ट्रॉफी खिताब की रेस में है। सेमीफाइनल में उसका सामना विदर्भ से है। मुंबई की टीम अच्छा खेल रही थी लेकिन विदर्भ के बाएं हाथ के स्पिनर पार्थ रेखड़े उसके लिए काल बनकर आ गए और उसका मिडिल ऑर्डर तबाह कर दिए। उन्होंने अजिंक्य रहाणे सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे के विकेट अपने नाम किए।

    By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Tue, 18 Feb 2025 05:21 PM (IST)
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    पार्थ रेखड़े ने अपनी स्पिन से ढाया कहर

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई क्रिकेट टीम भारत के घरेलू इतिहास की सबसे सफल टीम है। इस टीम ने 42 बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता है। एक बार फिर ये टीम खिताबी जीत के रास्ते पर थी, लेकिन इसमें कांटे पैदा कर दिए हैं विदर्भ के बाएं हाथ के स्पिनर पार्थ राजेश रेखड़े ने। ये स्पिनर मुंबई के लिए सिलेबस से बाहर का साबित हुआ।

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    नागपुर के विदर्भ क्रिकेट संघ स्टेडियम में मुंबई और विदर्भ के बीच रणजी ट्रॉफी का दूसरा सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा है। इस मैच का आज मंगलवार को दूसरा दिन है और मुंबई की हालत खराब हो गई है। पार्थ ने मुंबई के मजबूत मिडिल ऑर्डर को तहस नहस कर दिया।

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    दिग्ग्जों का किया शिकार

    विदर्भ ने दिन की शुरुआत पांच विकेट के नुकसान पर 308 रनों के साथ की थी। मुंबई ने उसके बाकी बचे पांच विकेट 75 रनों के भीतर गिरा दिया। इस तरह विदर्भ ने पहली पारी में 383 रन बनाए। इसके बाद मुंबई को बल्लेबाजी करने उतरना था। 18 रनों के कुल स्कोर पर मुंबई ने आयुश महात्रे का विकेट खो दिया जो नौ रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद आकाश आनंद और सिद्देश लाड़ ने पारी को संभाला और स्कोर 85 तक पहुंचाया। यश ठाकुर ने सिद्देश आउट किया जिन्होंने 35 रन बनाए।

    अब सारी जिम्मेदारी कप्तान अजिंक्य राहणे पर थी, लेकिन वह 18 रनों से आगे नहीं जा सके। पार्थ की गेंद पर वह बोल्ड हो गए। उन्होंने 24 गेंदों पर 18 रन ही बनाए। पार्थ यहीं नहीं रुके। 41वें ओवर की पहली गेंद पर रहाणे को आउट करने वाले पार्थ ने इसी ओवर की तीसरी गेंद पर सूर्यकुमार को मालेवार के हाथों कैच करा दिया। सूर्या खाता नहीं खोल सके। इसी ओवर की पांचवीं गेंद पर शिवम दुबे भी बिना खाता खोले पार्थ का शिकार बने।

    एक ही ओवर में पार्थ ने मुंबई के बैटिंग ऑर्डर की कमर तोड़ दी थी और चैंपियन टीम का स्कोर 113 रनों पर दो विकेट से पांच विकेटो हो गया था। विदर्भ की तरफ से वह तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे थे और 23 रन बनाने में सफल रहे थे।

    कौन हैं पार्थ?

    हैरानी की बात है कि पार्थ को लाल गेंद से गेंदबाजी करने का ज्यादा अनुभव नहीं है। ये उनका दूसरा ही फर्स्ट क्लास मैच है। अपना पहला मैच उन्होंने हैदराबाद के खिलाफ खेला था और इसमें चार विकेट लिए थे। इस मैच को दोनों पारियों में उन्होंने 54 रन भी बनाए थे। 19 जुलाई 1999 को नागपुर में पैदा हुए पार्थ ने विदर्भ की अंडर-19 क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व भी किया। अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने के बाद ही वह टीम में आए।

    बाएं हाथ के ये स्पिनर विदर्भ के लिए लिस्ट-ए मैचों में भी कमाल कर चुका है। वह आठ मैचों में नौ विकेट ले चुके हैं। टी20 में उन्होंने 12 मैच खेले हैं और 17 विकेट चटकाए हैं।

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