वाइजैग में ही MS Dhoni को दुनिया ने जाना, पाकिस्तान का हर खिलाड़ी सकपकाया; गांगुली को जाता है क्रेडिट
वाइजैग वही मैदान है जिसने महेंद्र सिंह धोनी को पहचान दिलाई थी। धोनी ने विशाखापत्तनम के इसी मैदान पर पाकिस्तानी गेंदबाजों की कुटाई की थी और वह रातों- ...और पढ़ें
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धोनी ने पाकिस्तान को दिन में दिखाए थे तारे।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जा रही 3 मैचों की वनडे सीरीज अब अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच चुकी है। सीरीज का आखिरी मुकाबला 6 शनिवार को विशाखापत्तनम के डॉ वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम (वाइजैग) में खेला जाएगा। सीरीज अभी 1-1 की बराबरी पर है, ऐसे में दोनों ही टीमों की नजर इसे अपने नाम करने पर होगी।
धोनी को दिलाई पहचान
वहीं बात करें वाइजैग की तो यह वही मैदान है जिसने महेंद्र सिंह धोनी को पहचान दिलाई थी। धोनी ने विशाखापत्तनम के इसी मैदान पर पाकिस्तानी गेंदबाजों की कुटाई की थी और वह रातों-रात स्टार बन गए थे। इसके बाद धोनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास के बाद भी वह ब्रांड बने हुए हैं। फैंस आज भी उन पर जान छिड़कते हैं। आईपीएल में वह किसी भी टीम के होम ग्राउंड पर खेल रहे हों, दर्शक यलो जर्सी में ही नजर आते हैं।
दादा ने 3 नंबर पर भेजा था
धोनी की इस पारी के पीछे तत्कालीन भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का बड़ा हाथ था। 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू करने वाले धोनी लोअर ऑर्डर में बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने अपने वनडे करियर के पहले 4 मुकाबले में 0, 12, 7* और 3 रन बनाए थे। ऐसे में दादा ने बड़ा दांव चला। उन्होंने 5 अप्रैल 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ धोनी को 3 नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए भेज दिया। वह खुद 4 नंबर पर आए।
धोनी ने लगाई पाकिस्तान की क्लास
धोनी ने भी गांगुली को सही साबित किया और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के दूसरे वनडे में 123 गेंदों पर 148 रन की धुंआधार पारी खेल दी। इस दौरान उन्होंने 15 चौके और 4 छक्के भी लगाए। धोनी की बल्लेबाजी देखकर पूरी पाकिस्तान टीम सकपका गई थी। तब दुनिया ने धोनी को पहली बार जाना था। वह अपने लंबे बालों के साथ ही गेंद पर तेजी से प्रहार करने के लिए फेमस हुए। यह वाइजैग में खेला जा रहा पहला वनडै मैच भी था।
सबसे सफल कप्तान बने
वाइजैग से शुरू हुआ माही का यह सफर 3 आईसीसी ट्रॉफी के साथ अपनी मंजिल को मुकम्मल हुआ। धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान बने। उनके नेतृत्व में भारत ने 2007 में टी20 विश्वकप, 2011 में वनडे विश्वकप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी उठाई। अब वह सिर्फ आईपीएल में खेलते नजर आते हैं।

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