भारत को एशिया कप ट्रॉफी के लिए करना होगा और इंतजार, BCCI से डरे मोहसिन नकवी ICC मीटिंग से रह सकते हैं नदारद
भारत ने सितंबर में पाकिस्तान को फाइनल में हराकर एशिया कप का खिताब अपने नाम किया था, लेकिन एसीसी और पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी ट्रॉफी लेकर भाग गए थे क्योंकि भारत ने उनसे विजेता ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था।

बीसीसीआई से डर गए मोहसिन नकवी
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। आईसीसी के एक्सीक्यूटिव बोर्ड की दुबई में बैठक होनी है जिसमें बीसीसीआई एशिया कप ट्रॉफी का मुद्दा उठाने वाला है। हाालांकि, इस बैठक में से पीसीबी और एसीसी के चेयरमैन मोहसिन नकवी नदारद रह सकते हैं। सितंबर में हुए एशिया कप में भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हरा ट्रॉफी जीती थी, लेकिन नकवी ट्रॉफी लेकर भाग गए थे।
भारत ने नकवी से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया था और इसका कारण इसी साल अप्रैल में पहलगाम में हुआ आतंकी हमला था जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। इसी को देखते हुए भारत ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ तक नहीं मिलाया था और टीम इंडिया ने किसी भी पाकिस्तानी से ट्रॉफी या कोई और अवॉर्ड लेन से मना कर दिया था। नकवी इससे गुस्सा हो गए थे क्योंकि एसीसी चेयरमैन के नाते उन्हें ही विजेता टीम को ट्रॉफी देनी थी, लेकिन भारत ने लेने से मना कर दिया था।
ये है बहाना
हालांकि बैठक मंगलवार को शुरू हो चुकी है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू राजनीतिक मुद्दों के कारण नकवी इस बैठक से दूर रह सकते हैं। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि सूत्रों ने किसी खास राजनीतिक मुद्दे के बारे में नहीं बताया है। नकवी पाकिस्तान की सरकार में इंटीरियर मिनिस्टर भी हैं। उन्होंने पिछले साल जय शाह के आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद से एक भी आईसीसी मीटिंग अटैंड नहीं की है।
नकवी की जगह पीसीबी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुमैर सैयद इस बैठक में हिस्सा लेंगे। अगर नकवी सात नवंबर को भी दुबई बैठक के लिए नहीं आ पाते हैं तो फिर वही मीटिंग में हिस्सा लेंगे। सूत्रों ने बताया है कि नकवी पाकिस्तान से ही मीटिंग में ऑनलाइन हिस्सा ले सकते हैं।
लॉकर में है एशिया कप की ट्रॉफी
एशिया कप की ट्रॉफी एशियन क्रिकेट काउंसिल के मुख्यालय में ही एक लॉकर में बंद है। ये मुख्यालय भी दुबई में है। बीसीसीआई ने एसीसी को एक पत्र भी लिखा था जिसमें कहा था कि नकवी को एशिया कप की ट्रॉफी मुंबई भेज देनी चाहिए। हालांकि, नकवी ने ऐसा नहीं किया और भारत के सामने ये शर्त रख दी की वह एक कार्यक्रम में किसी भारतीय खिलाड़ी को लेकर आएं और ट्रॉफी उनसे ले जाएं।

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