जब बागी हो गया था टीम इंडिया का विश्व विजेता कप्तान, BCCI ने कर दिया था बैन, आज बर्थडे है उनका
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान ऑलराउंडरों में शुमार कपिल देव का आज जन्मदिन है। कपिल देव वही कप्तान हैं जिन्होंने देश को पहला वर्ल्ड कप दिलाया था। उस समय किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत वर्ल्ड कप जीतेगा लेकिन कपिल की कप्तानी में टीम इंडिया ने ये कर दिखाया था। एक समय ऐसा भी आया था कि कपिल को बीसीसीआई ने बैन कर दिया था।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया भर में आज टी20 लीगों का जलवा है। लगभग हर देश की अपनी एक लीग है। इसमें सबसे बड़ा नाम इंडियन प्रीमियर लीग का है जिसमें खेलना हर क्रिकेटर का सपना होता है। इस लीग में विश्व क्रिकेट में पहचान बनाने का मौका तो होता ही है, साथ ही पैसे कमाने का भी मौका होता है क्योंकि इस लीग में पैसों की बारिश होती है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस लीग से पहले भारत में एक और लीग आई थी और उसका समर्थन करने के कारण भारत के विश्व विजेता कप्तान को बीसीसीआई को गुस्सा झेलना पड़ा था? आज उन्हीं विश्व विजेता कप्तान का जन्मदिन है।
हम बात कर रहे हैं दुनिया के महानतम ऑलराउंडरों में शुमार कपिल देव की जिनकी कप्तानी में भारत ने साल 1983 में पहला वर्ल्ड कप जीता था। तब किसी ने नहीं सोचा था कि भारत वर्ल्ड कप जीत सकता है, लेकिन कपिल की पागलपंती ने सारे समीकरण बदल दिए। उस विश्व विजेता टीम के खिलाड़ियों ने कई बार ये माना है कि कपिल देव उस समय विश्व कप जीतने को लेकर बेहद जोश में थे और उनको टीम पर भरोसा था। उन्होंने ऐसा जोश टीम में भरा की फाइनल में भारत ने दो बार की विश्व विजेता और उस समय की सबसे खूंखार टीम वेस्टइंडीज को फाइनल में हरा खिताब जीता।
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ICL का बने हिस्सा
अब वापस लौटते हैं उस लीग पर जिसने कपिल को बीसीसीआई के कोप का शिकार बनाया। ये लीग थी-इंडियन क्रिकेट लीग यानी आईसीएल। जी इंटरटेनमेंट के सुभाष चंद्रा ने इस लीग को शुरू करने का सोचा था और शुरू कर भी दी थी। कपिल देव इस लीग से जुड़े थे। कई विदेशी क्रिकेटर भी इससे जुड़े, लेकिन बीसीसीआई ने इस लीग को मान्यता नहीं दी थी। सुभाष चंद्रा ने इसकी परवाह किए बिना लीग शुरू की। नतीजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ा। इस में लीग में हिस्सा लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों को बीसीसीआई ने बैन कर दिया था।
वहीं जो पूर्व क्रिकेटर इसकी देखरेख में शामिल हुए थे उन्हें भी बीसीसीआई ने बैन कर दिया था और इसमें कपिल देव का नाम भी था। आईसीएल को लेकर बीसीसीआई काफी सख्त था। उसने इस लीग को खेलने के लिए मैदान भी नहीं दिए थे। 2007 में शुरू हुई ये लीग 2009 तक चली, लेकिन फिर बंद हो गई। बाद में बीसीसीआई ने जिन पर बैन लगाया था उसे हटा दिया।
HAPPY BIRTHDAY - KAPIL DEV. 🐐
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) January 6, 2025
- The youngest ever captain to win the ODI World Cup.
- Fastest Test century for India.
- Only pacer with 4,000+ runs and 400+ wickets in Tests.
- 9,031 runs and 687 wickets in international cricket.pic.twitter.com/8PZYHmoyBE
ऐसा रहा करियर
कपिल देव की गिनती दुनिया के महान कप्तानों के साथ-साथ ऑलराउंडरों में भी होती है। उन्होंने अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी से भारत को कई मैच जिताए। भारत के लिए उन्होंने 131 टेस्ट मैच खेले और 434 विकेट लिए। एक समय उनके नाम टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड था जो बाद में वेस्टइंडीज के कर्टनी वॉल्श ने तोड़ा। वनडे में उन्होंने भारत के लिए 225 मैच खेले जिनमें 253 विकेट लेने के साथ-साथ 3783 रन भी बनाए। टेस्ट में उनके बल्ले से 5248 रन निकले। टेस्ट में उनके नाम आठ शतक और 27 अर्धशतक हैं तो वहीं वनडे में एक शतक और 14 अर्धशतक हैं।
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