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    IND vs AUS: 'मैं यहां बाहर बैठने नहीं आया हूं', रोहित शर्मा ने संन्यास को लेकर क्या कहा, पढ़िए- एक-एक शब्द

    Updated: Sat, 04 Jan 2025 10:49 AM (IST)

    भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा सिडनी टेस्ट मैच में नहीं खेल रहे हैं। जब ये खबर सामने आई थी तो रोहित के संन्यास की खबरें उठने लगी थीं लेकिन रोहित ने इन सभी खबरों को खारिज कर दिया है। रोहित ने साफ कहा है कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं और उन्होंने खुद खराब फॉर्म के कारण बाहर होने का फैसला किया है।

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    रोहित शर्मा ने संन्यास को लेकर दिया बड़ा बयान

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। रोहित शर्मा का नाम जब सिडनी टेस्ट मैच के लिए भारत की प्लेइंग-11 में नहीं था तो इसके बाद उनके संन्यास की खबरें उठने लगीं। इन खबरों को लेकर रोहित शर्मा ने अब अपनी चुप्पी तोड़ी है और साफ कहा है कि 'मैं कहीं जा नहीं रहा हूं।' सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के आखिरी मैच के दूसरे दिन शनिवार को रोहित ने बताया कि वह क्यों बाहर बैठे, वह क्या सोच रहे हैं और भविष्य को लेकर उनकी क्या रणनीति है।

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    रोहित मौजूदा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहले टेस्ट मैच में नहीं खेले थे। इसके बाद वह दूसरे टेस्ट मैच में आए, लेकिन उनके बल्ले के रन नहीं निकले। तीन मैचों में रोहित के बल्ले से सिर्फ 31 रन ही निकले। इस दौरान रोहित की बैटिंग पोजिशन भी सवालों के घेरे में रही। सिडनी टेस्ट में उन्होंने अपने आप को बाहर रखने का फैसला किया। रोहित ने मैच के दूसरे दिन पहले सेशन का खेल खत्म होने के बाद स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा कि वह खुद बाहर हुए हैं और उनके संन्यास की बातें बेफिजूल हैं। पढ़िए रोहित शर्मा के इंटरव्यू का एक-एक शब्द। 

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    'मैंने खुद ने लिया फैसला'

    रोहित का पूरा बयान- "मैंने खुद ने बाहर होने का फैसला किया। मैं सिर्फ यही कहना चाहता हूं। मैं एक शब्द कहूंगा, लेकिन 50 और शब्द हैं। कोच और चयनकर्ताओं के साथ मेरी बातचीत हुई थी। मेरा बल्ला रन नहीं कर रहा है और मैं फॉर्म में नहीं हूं। यह हमारे लिए अहम मैच है और इसलिए हमें ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो फॉर्म में हैं। इसलिए मेरे दिमाग में यही था कि हम खराब फॉर्म वाले खिलाड़ियों को नहीं रख सकते। इसलिए मैंने सोचा कि मुझे कोच और चयनकर्ताओं को बताना चाहिए कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है। उन्होंने मेरे फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आप इतने सालों से खेल रहे हैं तो आपको आपके खेल के बारे में ज्यादा पता होगा और आप इसे लेकर फैसला करने की सबसे सही स्थिति में हैं।"

    रोहित ने आगे कहा, "यह मेरे लिए एक कठिन निर्णय था, लेकिन अगर आप सब कुछ ध्यान में रखते हैं तो ये एक समझदारी भरा फैसला भी था। मैं यहां इतनी दूर से आया हूं, तो मैं बाहर बैठने या मैच न खेलने थोड़ी आया हूं। मुझे मैच खेलना है। मुझे टीम को मैच जिताना है। मैं 2007 में जब पहली बार आया था तब से यही है कि टीम को मैच जिताना है। कभी-कभी आपको समझना पड़ेगा कि टीम की जरूरत क्या है। अगर आप टीम को आगे नहीं रखते तो कोई फायदा नहीं है। पांच महीने बाद क्या होने वाला है, छह महीने के बाद क्या होने वाला है, मैं इसमें विश्वास नहीं करता।"

    'ये रिटायरमेंट का फैसला नहीं'

    रोहित ने आगे कहा, "यह रिटायरमेंट का फैसला नहीं है। और न ही मैं हटने वाला हूं। मैं इस मैच से बाहर बैठा क्योंकि मेरे बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पांच महीने बाद रन नहीं आएंगे। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि दो महीने बाद रन नहीं आएंगे। मैंने क्रिकेट में बहुत कुछ देखा है कि जीवन हर सेकंड, हर मिनट, हर दिन बदलता है। मुझे खुद पर भरोसा है कि चीजें बदल सकती हैं, लेकिन साथ ही मुझे प्रैक्टिकल भी होना चाहिए। इसलिए माइक, पेन या लैपटॉप वाले लोग जो लिखते या कहते हैं, उससे जीवन नहीं बदलेगा। वे यह तय नहीं कर सकते कि हमें कब रिटायर होना चाहिए, कब बाहर बैठना चाहिए, कब कप्तानी करनी चाहिए। मैं एक समझदार आदमी हूं, परिपक्व आदमी हूं, दो बच्चों का पिता हूं। इसलिए मुझे पता है कि मुझे जीवन में क्या चाहिए।"

    'मैं कहीं नहीं जा रहा'

    रोबित ने इस इंटरव्यू का अंत अपने अंदाज में किया। इंटरव्यू के बाद जब जतिन सप्रू रोहित को थैंक्यू बोल रहे थे तो उन्होंने तपाक से कहा, "ऐ भाई, मैं कहीं नहीं जा रहा हूं।" इतना कहने के बाद रोहित तुरंत चले गए।

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