ICC ने गेंदबाजों को दी बड़ी खुशखबरी, बदल डाला बड़ा नियम, कन्कशन सब्स्टीट्यूट को लेकर भी किए बदलाव
आईसीसी ने अपने कुछ नियमों में बदलाव किए हैं। इनमें से एक बदलाव ऐसा है जिससे गेंदबाजों को बड़ी राहत मिलेगी। ये नियम दो गेंदों के इस्तेमाल को लेकर है। वहीं आईसीसी ने कन्कशन सब्स्टीट्यूट के नियम को लेकर भी बदलाव किए हैं। आईसीसी ने कहा है कि उसकी कोशिश बल्ले और गेंद से बीच संतुलन बनाने की है।

नई दिल्ली, जेएनएन: वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच संतुलन बनाने की दिशा में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने दो गेंदों के नियम में बड़ा बदलाव किया है। इसके साथ ही सभी प्रारूपों में कन्कशन सब्स्टीट्यूट (सिर में चोट के कारण बदली जाने वाली खिलाड़ी व्यवस्था) के लिए भी नया नियम लागू किया गया है। यह नए नियम 17 जून से टेस्ट मैचों, 2 जुलाई से वनडे और 10 जुलाई से टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में प्रभावी होंगे।
अब तक वनडे मैचों में हर पारी की शुरुआत दोनों छोर से दो नई गेंदों से होती थी। यानी दोनों सिरों से नई गेंदों का इस्तेमाल पारी के पूरे 50 ओवरों तक किया जाता था। लेकिन नए नियम के मुताबिक, अब केवल 34 ओवर तक ही दोनों गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा। 34वें ओवर के बाद गेंदबाजी टीम को दो में से किसी एक गेंद को चुनना होगा, जो फिर पारी के 35वें से 50वें यानी बचे हुए 16 ओवर तक दोनों सिरों से इस्तेमाल की जाएगी।
यह भी पढ़ें- BCCI ने स्टाफ के एलाउंस में की कटौती, ट्रेवल पॉलिसी को लेकर भी उठाया बड़ा कदम
बल्ले और गेंद में संतुलन है बनाना
आईसीसी का कहना है कि यह बदलाव बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बहाल करने के लिए किया गया है, क्योंकि नई गेंदों से गेंदबाजों को स्विंग और सीम मूवमेंट कम मिलता है। अगर मैच की पहली पारी शुरू होने से पहले ही मैच को 25 ओवर प्रति पारी या उससे कम किया जाता है, तो उस स्थिति में सिर्फ एक नई गेंद से ही पूरी पारी खेली जाएगी।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट को लेकर बनाया ये नियम
अब से हर टीम को मैच शुरू होने से पहले मैच रेफरी को पांच संभावित कन्कशन सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों की सूची देनी होगी, जिनमें निम्नलिखित भूमिकाएं तय होंगी। इनमें एक विकेटकीपर, एक बल्लेबाज, एक तेज गेंदबाज, एक स्पिनर और एक ऑलराउंडर का नाम देना होगा। यह व्यवस्था इस साल जनवरी में इंग्लैंड के विरुद्ध मैच में हुए विवाद के बाद लागू की गई है, जब भारतीय टीम ने शिवम दुबे के स्थान पर हर्षित राणा को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में शामिल किया था।
राणा ने उस मैच में तीन विकेट लिए थे, लेकिन उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठे थे। यदि कोई नामित सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी भी चोटिल हो जाए, तो मौजूदा जैसे के लिए जैसे सिद्धांत के तहत बाहरी खिलाड़ी को अनुमति मिल सकती है, लेकिन यह निर्णय मैच रेफरी पर निर्भर करेगा। इन नए नियमों से खेल और अधिक पारदर्शी और संतुलित होने की उम्मीद की जा रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।