BPL के बुरे हैं हाल, पैसे नहीं मिले तो बस ड्राइवर ने नहीं दी खिलाड़ियों को किट, वापस लौटेंगे विदेशी प्लेयर्स
बांग्लादेश प्रीमियर लीग में इस समय हालत बुरे हैं। लीग की फ्रेंचाइजी दरबार राजशाही निशाने पर है क्योंकि उसके खिलाड़ी नाराज हैं। सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं टीम का स्टाफ भी नाराज है और इसका कारण आर्थिक स्थिति है। फ्रेंचाइजी ने वादे के मुताबिक अभी कई लोगों का पेमेंट क्लियर नहीं किया है जिससे सभी में रोष है। टीम के विदेशी खिलाड़ी तो वापस लौटने वाले हैं।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में इस समय हड़कंप मचा हुआ है। बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) में मैच फिक्सिंग की खबरें आ रही हैं तो अब एक और हैरान करने वाली घटना हुई है। बस ड्राइवर ने टीम के खिलाड़ियों की किट को बस में ही लॉक कर दिया जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई। मामला दरबार राजशाही फ्रेंचाइजी का है।
फ्रेंचाइजी इस समय निशाने पर है क्योंकि उसने कई लोगों का पैसा नहीं दिया है और इसी कारण ड्राइवर ने ये कदम उठाया। टीम के खिलाड़ियों और स्टाफ मेंबर्स को अभी तक सैलरी नहीं मिली है और इसी कारण यह सभी निराश हैं। क्रिकबज ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है।
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वापस लौटेंगे विदेशी खिलाड़ी
वेबसाइट ने राजशाही फ्रेंचाइजी के मालिक के हवाले से लिखा है कि विदेशी खिलाड़ियों वापस अपने देश लौट रहे हैं और उनके टिकट भी बुक कर दिए गए हैं। फ्रेंचाइजी ने ये एलान तब किया है जब मीडिया में इस तरह की खबरें आईं कि विदेशी खिलाड़ी ढाका में टीम के होटल में ही रुके रहे क्योंकि फ्रेंचाइजी ने उन्हें समय पर पैसा नहीं दिया। इसके अलावा टीम के मालिकों और मैनेजमेंट ने उनके फोन भी नहीं उठाए।
पाकिस्तान के मोहम्मद हारिस, अफगानिस्तान के आ फताब आलम, वेस्टइंडीज के मार्क डेयाल, जिम्बाब्वे के रियान बर्ल, वेस्टइंडीज के मिग्युएल कमिंस वो विदेशी खिलाड़ी हैं जो अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों को सैलरी का 25 प्रतिशत हिस्सा ही दिया गया है जबकि कुछ को नहीं दिया गया है।
टीम के मालिकों ने वादा किया था कि उनका वेतन दे दिया जाएगा, लेकिन फ्रेंचाइजी के कई स्थानीय खिलाड़ियों ने वेतन न मिलने के कारण होटल ही छोड़ दिया।
बीसीबी ने की बचाने की कोशिश
बीसीबी ने एलान किया था कि वह इसमें दखल देगा और इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया, लेकिन काफी कुछ करने के बाद भी दरबार राजशाही के विदेशी क्रिकेटर लीग छोड़कर जाने को तैयार हैं। क्रिकबज ने बीसीबी अधिकारी के हवाले से लिखा है, "सात फरवरी तक खिलाड़ियों को 75 प्रतिशत तक पेमेंट मिल जानी चाहिए थी जबकि बाकियों को आठ मार्च तक पूरा पेमेंट मिलना था। हालांकि, ऐसा नहीं हो सका जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।

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