'जब आप खेल का हिस्सा ही नहीं...', ओली पोप की कप्तानी में हारा इंग्लैंड तो Ben Stokes हुए आगबूबला!
द ओवल टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 6 रन से हराकर सीरीज में 2-2 की बराबरी की। मोहम्मद सिराज की आग उगलती गेंदबाजी के चलते टीम भारतीय टीम सीरीज हारने से बच गई। 5वें टेस्ट में इंग्लैंड के नियमित कप्तान बेन स्टोक्स बाहर बैठे हुए थे। इंजरी के चलते उन्होंने इस मुकाबले को नहीं खेला। ऐसे में आली पोप ने कप्तानी की।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। द ओवल टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 6 रन से हराकर 5 मैचों की सीरीज में 2-2 की बराबरी की। मोहम्मद सिराज की आग उगलती गेंदबाजी के चलते टीम भारतीय टीम को सीरीज में हार का मुंह नहीं देखना पड़ा।
5वें टेस्ट में इंग्लैंड के नियमित कप्तान बेन स्टोक्स बाहर बैठे हुए थे। इंजरी के चलते उन्होंने इस मुकाबले को नहीं खेला। ऐसे में ओली पोप ने इंग्लिश टीम की कमान संभाली। सीरीज ड्रॉ होने के बाद बेन स्टेाक्स ने सीरीज नहीं जीतने पर निराशा जताई।
जब आप खेल में हिस्सा नहीं ले पाते
स्टोक्स ने कहा, "जब आप खेल में हिस्सा नहीं ले पाते, तो यह जाहिर तौर पर हमेशा मुश्किल होता है। एक और कड़ा मुकाबला देखने को मिला। यह भी 5वें दिन तक चला। दोनों टीमों ने अंत तक लड़ाई लड़ी। बेहद निराशा हुई कि हम जीत हासिल नहीं कर पाए। हमें अपनी टीम पर मुझे गर्व है कि उन्होंने अपना पूरा जोर लगाया।"
देश मायने रखता है
स्टोक्स ने कहा, "जब जरूरत पड़ी तो क्रिस वोक्स बल्लेबाजी क लिए तैयार थे। उन्होंने कल यही सोचा कि उन्हें किस तरफ से बल्लेबाजी करनी है। हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो टूटी उंगलियों और टूटे पैरों के साथ मैदान पर उतरे हैं। यह दर्शाता है कि इन खिलाड़ियों के लिए अपने देश के लिए खेलना कितना मायने रखता है।"
एशेज पर स्टोक्स की नजर
इंग्लैंड के कप्तान ने कहा, "खिलाड़ियों ने जो किया उस पर मुझे बहुत गर्व है। मुझे यकीन है कि शुभमन को भी है। भारत-इंग्लैंड हमेशा एक बड़ी सीरीज होती है। एक ऑलराउंडर के रूप में अपनी भूमिका को पूरा करने में सक्षम होने के लिए अविश्वसनीय रूप से कड़ी मेहनत की। निराश हूं कि मुझे यह खेल छोड़ना पड़ा। अब रिहैब का समय है और एशेज का इंतजार करना है। जब आपका कोई गेंदबाज खेल में इतनी जल्दी आउट हो जाता है, तो बाकी सभी की भूमिका बदल जाती है। उस दूसरी पारी में बड़े साथियों ने जो दिल और इच्छाशक्ति दिखाई, वह जबरदस्त थी। हम खिलाड़ियों से बस यही चाहते हैं कि वे मैदान पर अपना सब कुछ छोड़ दें।"
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