'Operation Sindoor के बाद पाकिस्तान ने जमकर की स्लेजिंग', Tilak Varma ने एशिया कप फाइनल में जुबानी जंग पर तोड़ी चुप्पी
एशिया कप 2025 फाइनल में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले तिलक वर्मा ने बड़ा खुलासा किया है। तिलक वर्मा ने फाइनल में 69 रन की नाबाद पारी खेली थी। तिलक वर्मा ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने जमकर छींटाकशी की थी लेकिन उन्होंने शांत रहना पसंद किया। तिलक ने कहा कि एशिया कप जीतने से पाक को जवाब मिल गया।

प्रेट्र, हैदराबाद। एशिया कप फाइनल में भारत की जीत के सूत्रधार रहे मध्यक्रम बल्लेबाज तिलक वर्मा ने कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों की स्लेजिंग (छींटाकशी) और आक्रामकता का सर्वश्रेष्ठ जवाब खिताब जीतना ही था और उन्होंने शुरूआत में बने दबाव से सहज पार पा लिया था। तिलक ने फाइनल में अविजित 69 रनों की पारी खेली थी।
तिलक ने दुबई से सोमवार रात हैदराबाद पहुंचने पर कहा, फाइनल मुकाबले की शुरुआत में कुछ दबाव और तनाव था, लेकिन मैंने सबसे ऊपर अपने देश को रखा और मैं देश के लिए जीतना चाहता था। मुझे पता था कि दबाव के आगे घुटने टेक दूंगा तो अपने आप को और देश के 140 करोड़ लोगों को निराश करूंगा।
तिलक ने दिया करारा जवाब
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने बेसिक्स पर भरोसा रखा जो मैंने शुरुआती दिनों में अपने कोच से जो सीखा था, उसका अनुसरण किया। पाकिस्तानी खिलाड़ियों को सबसे सही जवाब यही था कि हम एशिया कप जीतें और हमने वही किया। तिलक ने स्वीकार किया कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने मैच में जमकर छींटाकशी की, लेकिन उन्होंने खामोश रहना पसंद किया।'
इस वामहस्त बल्लेबाज ने कहा, 'हमने तीन विकेट जल्दी गंवा दिए थे और माहौल काफी गर्म हो गया था। मैं जल्दी बल्लेबाजी करने आ गया, लेकिन मैंने किसी को कुछ नहीं कहा और ना ही कोई खराब शॉट खेलकर टीम और देश को निराश किया। एक बार भारत जीत गया तो उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को जवाब दिया।'
जीत पर था फोकस
उन्होंने कहा कि मुझे जो कुछ कहना था, वह मैंने मैच के बाद कहा। मैच में बहुत कुछ चल रहा था जो मैं बता नहीं सकता। भारत और पाकिस्तान के मैचों में यह होता है लेकिन हमारा फोकस मैच जीतने पर था। भारत को अंतिम ओवर में 10 रन चाहिए थे और तिलक ने कहा कि वह तब तक दबाव से ऊपर उठ चुके थे।
इस पर तिलक ने कहा कि मुझ पर अंतिम ओवर में दबाव नहीं था। मुझे पता था कि मैं मैच जिता दूंगा। मैं अपने देश के बारे में ही सोच रहा था और गेंद दर गेंद रणनीति बना रहा था। मुझे गर्व है कि मैं यह कर सका।
ये मेरे जीवन की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक
तिलक ने कहा कि मैं फाइनल में अपनी पारी को करियर की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक मानता हूं। ये मेरे लिए उतनी ही विशेष है, जितनी इंग्लैंड के विरुद्ध चेन्नई में खेली गई 72 रन की पारी है। एशिया कप में पाकिस्तान के विरुद्ध मैच जिताऊ पारी खेलना, मेरे दो शतकों से भी खास है।
मेरे लिए यह अनुभव बेहद विशेष है।पूरा ध्यान टी-20 विश्व कप पर : तिलक ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं भारत को एशिया कप जिता पाया। अब टी-20 विश्व कप अगले साल होना है और उसमें अपने प्रदर्शन से भारत को जिताना मेरा लक्ष्य है। विश्व कप जीतना मेरा सपना है।
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