'मेरा करियर तब खत्म हुआ जब...', Shikhar Dhawan ने आखिरकार भारतीय टीम से बाहर होने पर किया बड़ा खुलासा
शिखर धवन ने भारतीय टीम से बाहर होने पर आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है। धवन ने बताया कि उन्हें 2021 टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुने जाने की उम्मीद थी। धवन ने 2018 में अपना आखिरी टेस्ट खेला था। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 2021 में अपना आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच और 2022 में आखिरी वनडे खेला था।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व ओपनर शिखर धवन ने राष्ट्रीय टीम से बाहर होने पर आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है। धवन ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 2022 में खेला था।
शिखर धवन ने एक इंटरव्यू में बताया कि भारतीय टीम से बाहर होने पर उन्हें कैसा महसूस हुआ? धवन को उम्मीद थी कि 2021 टी20 वर्ल्ड कप में उन्हें चुना जाएगा, लेकिन जब फोन नहीं आया तो उन्होंने टीम या चयन समिति में से किसी को फोन करना सही नहीं समझा। धवन निराश जरूर थे, लेकिन आगे बढ़ने का ठान चुके थे।
शिखर धवन ने क्या कहा
शिखर धवन ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, 'मुझे पता था कि मेरा नाम नहीं आने वाला है। मुझे इसका एहसास हो चुका था। ऐसा नहीं कि आपको सभी चीजें मुंह पर बताई जाए। टी20 वर्ल्ड कप स्क्वाड घोषित होने के बाद मैंने कभी किसी को फोन करने के बारे में नहीं सोचा। अगर मैं पूछता तो वो अपना दृष्टिकोण बताते हैं मैं अपनी कहानी बताता। इसका कोई फायदा नहीं होता और न ही कुछ बदल जाता।'
वनडे वर्ल्ड कप में परेशानी
शिखर धवन को घरेलू जमीन पर 2023 वनडे वर्ल्ड कप के लिए भी स्क्वाड में जगह नहीं मिली थी। उनके साथी विराट कोहली और रोहित शर्मा ने जरूर हिस्सा लिया था। यह पूछने पर कि शिखर धवन बेहतर ढंग से बाहर होने के हकदार थे? 'गब्बर' ने जवाब दिया कि शुभमन गिल उस समय अच्छा कर रहे थे और उन्होंने चयनकर्ताओं के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी।
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इसको देखने का एक नजरिया है। दूसरा एंगल यह है कि शुभमन गिल टी20 और टेस्ट में अच्छा कर रहा थ। तब मैं इतना चर्चा में नहीं था। मैं सिर्फ वनडे खेल रहा था। मगर वो ज्यादा बेहतर कर रहा था और कोच के सामने था। वो अपना माहौल अच्छी तरह बना रहा था।
करियर खत्म का मिला संकेत
ऐसा नहीं कि धवन के बल्ले से रन नहीं आ रहे थे। वो 50 या 70 रन की पारियां खेल रहे थे। मगर शतक आना रुक गया था। जब खब्बू बल्लेबाज ने देखा कि वनडे में ईशान किशन ने दोहरा शतक जड़ा तो उन्हें पता चल गया कि उनका करियर समाप्त हो गया है।
मैंने कई अर्धशतक जमाए, लेकिन शतक नहीं बनाया। मगर मैंने कई बार 70 या ज्यादा रन की पारी खेली। जब ईशान किशन ने दोहरा शतक जमाया तो मुझे अंदर से आवाज आई कि ठीक है लड़के, यहां आपका करियर समाप्त होता है। मेरे अंदर की आवाज मुझे आई। और ऐसा ही हुआ। फिर मुझे याद है कि मेरे दोस्त आए और मुझे भावनात्मक समर्थन दिया। उन्हें लगा कि मैं बहुत निराश हूं, लेकिन मैं सही था। अपने समय का आनंद उठा रहा था।
कोच द्रविड़ से हुई थी बातचीत
यह पूछने पर कि टीम से बाहर होने के बाद किसी साथी से बातचीत हुई तो पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि उनकी तब तत्कालीन हेड कोच राहुल द्रविड़ से बातचीत हुई थी।
नहीं, ऐसा वैसा कुछ नहीं हुआ। शायद मैंने राहुल द्रविड़ भाई से बातचीत की थी। उन्होंने मुझे मैसेज किया था। हर किसी की अपनी यात्रा होती है और वो काम करते हैं या फिर दौरे पर होते हैं तो यह बहुत आम हैं। हम अंडर-14 के समय से इस चीज के आदि हैं। यह पहला मौका नहीं जब मैं टीम से बाहर या अंदर हुआ हूं।
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